हरिद्वार पहुंचे प्रवीण तोगड़िया, संघ और केंद्र सरकार पर उठाए सवाल

अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद के अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया हरिद्वार पहुंचे और यहां पर उन्होंने केंद्र सरकार और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर कई गंभीर सवाल उठाए। उनका कहना था कि अगर कोई सरकार जनसंख्या नियंत्रण कानून नहीं लाती है तो उसे हिंदुत्व की बात करने का कोई हक नहीं है।

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अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद के अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया हरिद्वार पहुंचे और यहां पहुंच कर उन्होंने भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर कई सवाल उठाए। उन्होंने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि अगर सरकार जल्द ही तबलीग जमात और देवबंदी पर प्रतिबंध नहीं लगाती है। तो भारत में भी अफगानिस्तान जैसे गृह युद्ध की स्थिति बनाते हैं। साथ ही उन्होंने अपने विहिप को छोड़ने के पीछे संघ के नेताओं के हाथ होने की बात भी कही।

देवबंद पर लगाना चाहिए प्रतिबंध

प्रवीण तोगड़िया ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि अफगानिस्तान में जो तालिबान सैनिक पैदा हुए हैं। उनको पैदा करने वाले यह तबलीग जमात और देवबंदी ही हैं सरकार को इन पर चल जल्द प्रतिबंध लगाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज देश की जनसंख्या वृद्धि दर 2 है जिसमें हिंदुओं की जनसंख्या वृद्धि दर 1.7 जबकि मुसलमानों की 2.4 है जिसका अर्थ यह है कि अगले 50 वर्षों में पूरे भारत में हिंदू अल्पसंख्यक हो जाएंगे। जिससे बचने के लिए केंद्र सरकार को जनसंख्या नियंत्रण कानून जल्द से जल्द लगाना चाहिए और अगर सरकार जनसंख्या नियंत्रण कानून जल्द नहीं लाती है तो उसे कोई अधिकार नहीं है उनकी हिंदुत्व की बात करें।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कारण छोड़ना पड़ा विश्व हिंदू परिषद

प्रवीण तोगड़िया ने भाजपा की राज्य सरकारों और केंद्र सरकारों पर हमला करते हुए कहा कि जब यह सरकारें चर्च ओर मस्जिदों मदरसों का अधिकरण नहीं कर पाती है तो हिंदुओं के मंदिरों का अधिकरण क्यों किया जाता है। तोगड़िया ने सरकारों के सामने मांग रखी है कि  जिन भी मंदिरों का अधिकरण सरकार ने कर रखा है उनको सरकार कानून लाकर जल्द से जल्द हिंदुओं को सौपे। यहाँ एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उनके द्वारा विश्व हिंदू परिषद को छोड़े जाने के पीछे संघ का हाथ है। उन्होंने कहा कि भोपाल में 2017 के दौरान संघ के नेताओं द्वारा उनको राम मंदिर के मुद्दे पर बात करने से रोका गया इसलिए मजबूरी बस उनको विश्व हिंदू परिषद जैसे संगठन को छोड़ना पड़ा। उन्होंने यहां यह भी कहा कि संघ के नेताओं के साथ हुई वह बातचीत उनके पास आज भी रिकॉर्ड है और अगर संघ उनकी बात से इंकार करती है तो वह पूरे भारत को वह रिकॉर्डिंग सुनाने को तैयार हैं।

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