केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी और राहुल गाँधी के बीच पेट्रोल के दाम को लेकर खूब राजनैतिक बयानबाजी हो रही है। पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने पेट्रोल और डीजल पर उच्च कर (टैक्स) को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा सरकार पर की गई ‘पिकपाकेट’ वाली टिप्पणी पर पलटवार करते हुए उन्हें ऐसा ‘जेब कतरा’ करार दिया जो यह नहीं समझता कि पूंजीगत व्यय क्या होता है?
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वह संप्रग शासन काल से जुड़े ‘घोटालों’ 2जी से लेकर सीडब्ल्यूसी तक- पर चर्चा करना चाहते हैं, साथ ही मोदी सरकार के तहत प्रगति और विकास पर बहस चाहते हैं। इसके बाद उन्होंने ये भी कहा कि मोदी सरकार द्वारा रिकार्ड पूंजीगत व्यय किया गया है ताकि महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था को गति दी जा सके। उन्होंने कहा कि आर्थिक मुद्दों पर जिम्मेदारी के साथ बात होनी चाहिए। विपक्ष द्वारा एयर इंडिया जैसी कंपनियों को बेचने की घर के जेवर बेचने से तुलना करने पर मंत्री ने कहा कि तीन तरह के बेवकूफाना फैसले होते हैं।
हरदीप सिंह पुरी ने कहा, ‘विकल्प विनिवेश करने या विनिवेश नहीं करने के बीच नहीं था, बल्कि विनिवेश और एयर इंडिया को बंद करने के बीच था।’ पुरी का कहना है कि पेट्रोल और डीजल पर उच्च उत्पाद शुल्क ने भारत को मुश्किल समय को पार करने और लाखों लोगों को कोरोना टीका, खाना और गैस सिलिंडर मुफ्त में देने की योजना के लिए वित्त जुटाने में मदद की।
उन्होंने कहा कि सरकार तय करती है कि कितना कर लगाया जाए, लेकिन इस बार महामारी की वजह से स्थिति बदली हुई थी क्योंकि अर्थव्यवस्था को पहले कभी लोगों की जान बचाने के लिए पूरी तरह बंद नहीं किया गया था। पुरी ने कहा कि पेट्रोल और डीजल पर उच्च कर की वजह से हम महामारी के दौरान पैदा हुई अतिरिक्त जरूरतों को पूरा कर पाए।