उत्तराखंड में एक बार से सियासी संकट खड़ा हो चुका है। त्रिवेंद्र सिंह रावत के बाद मुख्यमंत्री बने तीरथ सिंह रावत ने आज अपने इस्तीफे की पेशकश कर दी है। सूत्रों के अनुसार बताया जा रहा है उन्होंने इस मामले को लेकर भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा को एक पत्र लिखा था। बताया जा रहा है पिछले कई दिनों से लगातार उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष से मुलाकात कर रहे थे। तीरथ सिंह रावत ने पत्र में कहा है कि आर्टिकल 164-ए के हिसाब से उन्हें मुख्यमंत्री बनने के बाद छ महीने में विधानसभा का सदस्य बनना था, लेकिन आर्टिकल 151 कहता है कि अगर विधानसभा चुनाव में एक वर्ष से कम का समय बचता है तो वहा पर उप-चुनाव नहीं कराए जा सकते हैं। उतराखंड में संवैधानिक संकट न खड़ा हो, इसलिए मैं मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देना चाहता हूं।
उत्तराखंड में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को दिल्ली तलब किया गया था, जिसके बाद वे राष्ट्रीय राजधानी आए हैं। उनके अलावा, दो बीजेपी के वरिष्ठ नेता सतपाल महाराज और धन सिंह रावत को भी दिल्ली बुलाया गया है। राज्य में उपजे सियासी संकट को टालने के लिए भाजपा नए सिरे से विधायक दल के नेता का चुनाव करेगी। इसके लिए पार्टी पर्यवेक्षकों की नियुक्ति करेगी जिनकी देखरेख मे विधायक दल की बैठक होगी। वहीं ऐसा माना जा रहा है तीरथ सिंह को केंद्रीय कैबिनेट में जगह दी जा सकती है।