प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का जो फैसला लिया गया है उसके बाद ऐसा कहा जा रहा है कि पंजाब में बैकफुट पर जा चुकी भारतीय जनता पार्टी अब एक बार फिर मुख्यधारा में आ सकती है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस पार्टी के पूर्व नेता अमरिंदर सिंह ने भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन करने की बात कही थी।जानकारी के अनुसार ऐसा माना जा रहा था कि अगर तीनों कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया जाता तो पंजाब में भारतीय जनता पार्टी पूरी तरह से अस्तित्व हीन हो जाती। लेकिन दूसरी तरफ इस ऐलान के बाद अब विपक्षियों के पास ऐसा कोई मुद्दा नहीं रह गया है जिसे लेकर वे केंद्र की सरकार पर निशाना साध पाएंगे।
माना जाता है कि पंजाब में वही पार्टी सत्ता में आती है जो मालवा से जीती है। मालवा क्षेत्र में 69 सीटें हैं जिनमें से कांग्रेस ने पार्टी 40 सीटें जीती थी। कैप्टन अमरिंदर सिंह खुद मालवा क्षेत्र से आते हैं। ऐसे में उस क्षेत्र में उनका जनाधार भी काफी अच्छा है। वेअदबीकांड के बाद मालवा क्षेत्र से ही अकाली दल को करारा झटका लगा था। वहीं दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी ने मालवा में अपना जनाधार बना लिया है। पहले इस क्षेत्र में केवल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच टक्कर थी लेकिन पीएम मोदी के ऐलान के बाद ऐसा माना जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी के नेता और कैप्टन अमरिंदर सिंह भी निर्णायक भूमिका में आ सकते हैं।
दोआबा में 23 सीटें हैं। यहां से पिछली बार कांग्रेस पार्टी को 15 सीटें मिली थी। लेकिन अब ऐसा माना जा रहा है कि यहां से राजनीतिक तस्वीर बदल सकती है। अकाली दल ने भाजपा का साथ छोड़कर बसपा से समझौता कर लिया था। दोआबा में एससी वोट बैंक 34 फीसदी से अधिक है और कई सीट पर तो ये 40 फीसदी से भी ज्यादा है। वही आपको बता दें कि भाजपा का दोआबा में अच्छा खासा जनाधार है और जालंधर शहर की चारों सीट के अलावा होशियारपुर, दसूहा, टांडा, मुकेरिया, फगवाड़ा समेत कई सीटों पर भाजपा का पक्का वोट बैंक है। कृषि कानूनों के कारण बहुत सारे लोगों ने भारतीय जनता पार्टी को वोट ना देने का मन बनाया था लेकिन पीएम मोदी के इस ऐलान ने एक बार फिर उन्हें अपनी ओर आकर्षित कर लिया है