स्वर्गीय अभिनेता ऋषि कपूर ने साल 2018 में पाकिस्तान साल से उनकी पुश्तैनी हवेली को म्यूज़ियम में तब्दील करने की मांग की थी। यह हवेली पाकिस्तान के पेशावर इलाके के किस्सा ख्वानी बाज़ार में स्थित है। पाकिस्तान के एक मंत्री शहरयार खान अफरीदी ने ऋषि की अपील स्वीकार भी कर ली थी। लेकिन अब खबर है कि पाकिस्तान ने आर्थिक संकट का हवाला देते हुए कपूर हवेली को म्यूज़ियम बनाने से इन्कार कर दिया है। ऋषि आखिरी बार 1990 में पेशावर गए थे, और उन्होंने हवेली के साथ अपनी तस्वीर भी क्लिक कराई थी।
पाकिस्तान के पुरातत्व विभाग खैबर पख्तूनख्वा ने यह फैसला भी कर लिया था कि हवेली के बाहरी हिस्से का संरक्षण किया जाएगा, वहीं अंदर के हिस्से की मरम्मत कर म्यूज़ियम का निर्माण किया जाएगा। लेकिन पीटीआई की खबर के अनुसार पाकिस्तान ने यह फैसला अब रद्द कर दिया है। उनके पास हवेली को म्यूज़ियम में तब्दील करने के लिए जरूरत के मुताबिक फंड नहीं है। हालांकि पाकिस्तान के लिए अपने फैसलों से मुकरना कोई नई बात नहीं है।
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कपूर हवेली ऋषि कपूर के परदादा बशेश्वरनाथ कपूर ने सन 1918-1922 के दौरान बनवाई थी। बशेश्वरनाथ पेशे से एक सब इंस्पेक्टर थे। उनके बेटे यानी ऋषि के दादा पृथ्वीराज कपूर का जन्म भी इसी हवेली में हुआ था। पृथ्वीराज कपूर खानदान के पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने एक्टिंग की दुनिया में कदम रखा था। पाँच मंजिला इस कपूर हवेली में कुल 40 कमरे हुआ करते थे। लेकिन हवेली की जर्जर हालत और भूकंप के खतरे को देखते हुए उसके तीन हिस्सों को बाद में गिरा दिया गया था।