मुख्य कलाकार: जयदीप अहलावत, नीरज काबी, गुल पनाग, अभिषेक बनर्जी
निर्देशक: अविनाश अरुण और प्रॉसित रॉय
हाल ही में अमेज़ॉन प्राइम पर रिलीज़ हुई अनुष्का शर्मा के प्रॉडक्शन हाउस द्वारा निर्मित वेब सीरीज़ ‘पाताल लोक’ की सोशल मीडिया पर काफी चर्चाएं हो रही है। पाताल लोक नाम सुनकर ऐसा लगता है मानो इसमें नरक की कहानियां दिखाई गई होगी, जहाँ खून की नदियां बहती है और पापियों को गर्म तेल में पकाया जाता है। लेकिन इस सीरीज़ में आपको ये सब नहीं बल्कि धरती के पाताल लोक की कहानी देखने को मिलेगी। बहुत समय के बाद ऐसी सीरीज़ रिलीज़ हुई है, जो दर्शकों के दिल को छू रही है। वेब सीरीज़ की दुनिया में अभी तक जो स्थान मिर्ज़ापुर और Sacred Games को प्राप्त था, उसी सूची में अब पाताल लोक का नाम भी जुड़ गया है। यदि आप भी ये सीरीज़ देखने का मन बना रहे तो पहले ये रिव्यू अवश्य पढ़ ले।
कहानी
फिल्म की कहानी की शुरूआत संजीव महरा (नीरज काबी) नाम के एक पत्रकार की हत्या की साजिश से शुरू होती है। इस षडयंत्र में शामिल चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाता है और उसके बाद केस की जाँच पड़ताल शुरू होती है। इस केस की कमान हाथीराम चौधरी (जयदीप अहलावत) को सौंपी जाती है, जिसका अपने करियर में यह पहला हाई प्रोफाइल केस होता है। इस केस को सुलझाने के लिए वह सबसे पहले चारों आरोपियों की हिस्ट्री शीट निकलवाता है, जिसमें पता लगता है कि गैंग लीडर हथौड़ा त्यागी (अभिषेक बनर्जी) के ऊपर 45 मर्डर के केस दर्ज है। पड़ताल के दौरान हाथीराम से कुछ छोटी-मोटी गलतियां हो जाती है, जिसके बाद उन्हें सस्पेंड कर ये केस सीबीआई को सौंप दिया जाता है। सस्पेंड होने के बावजूद हाथीराम हार नहीं मानता और केस की तह तक पहुंचने की कोशिश करता है। क्या हाथीराम यह केस सुलझा पाएगा? क्या संजीव महरा के असली कातिल और उनके षडयंत्र की गुत्थी सुलझ पाएगी? यह जानने के लिए आपको सीरीज़ देखनी पड़ेगी, जिसमें कुल 9 एपिसोड है।
एक्टिंग
एक्टिंग के मामले में इस सीरीज़ में सभी कलाकारों को 10 में से 10 नंबर दिए जा सकते है। हाथीराम चौधरी का किरदार निभा रहे जयदीप अहलावत खाकी वर्दी में लोगों का दिल जीत लेते है। उन्हें देख ऐसा लगता है मानो उनसे बेहतर यह रोल पूरी इंडस्ट्री में कोई नहीं कर सकता था। हाथीराम चौधरी के साथ काम करने वाले सब इंस्पेक्टर के रोल में इश्वाक भी आपके दिल में एक अलग जगह बनाने में कामयाब हो जाएंगे। एक पत्रकार के रूप में नीरज काबी भी सटीक नज़र आते है और उन्हें देख आपको रियल लाइफ के कुछ पत्रकारों की याद आ सकती है। विशाल त्यागी उर्फ हथौड़ा त्यागी का किरदार निभाने वाले अभिषेक बनर्जी बिना कुछ बोले ही काफी कुछ बोल जाते है।
डायरेक्शन
इस दमदार वेब सीरीज़ का निर्देशन अविनाश अरुण और प्रॉसित रॉय ने मिलकर किया है। सीरीज़ में उन्होंने हर छोटी से छोटी बात का ध्यान रखा है, जिसमें कमियां निकालना काफी मुश्किल है। एक पुलिसवाले की आम ज़िन्दगी पर सीरीज़ में बहुत अच्छे से प्रकाश डाला गया है। इसके साथ ही सीरीज़ में आज के सिस्टम और उसमें मौजूद करप्शन को भी बेहतरीन ढंग से दिखाते हुए यह बताने की कोशिश की है किस तरह मीडिया और सरकार आम पब्लिक को गुमराह करती है। और आम जनता उनकी बातों के मीठे जाल में फंस बहुत आसानी से उनकी सभी बातों पर यकीन भी कर लेती है। सीरीज़ में कुछ जगह थोड़ी एडिटिंग की गुंजाइश नज़र आती है, लेकिन वह नज़रअंदाज़ की जा सकती है।
क्या है सीरीज़ की खासियत
सीरीज़ में मौजूद सभी कलाकारों की एक्टिंग और इसके रियलिस्टिक डॉयलोग्स आपको जरूर पसंद आएंगे। इसके अलावा कैसे ज़िन्दगी एक सीधे-सादे व्यक्ति को खूंखार अपराधी बनने पर मजबूर कर देती है, यह भी इस वेब सीरीज़ में दिखाया गया है। सीरीज़ की अधिकांश शूटिंग उत्तर प्रदेश के चित्रकूट और दिल्ली के इलाकों में हुई है। सीरीज़ में गाली-गलौच और कुछ असहज दृश्य भी दिखाए गए है, जिस कारण इसे 18+ की श्रेणी में रखा गया है। आज के समय में ओटीटी प्लेटफॉर्म पर दर्शक भी इसी तरह का कुछ ढूंढने की कोशिश करते है। यदि पिछले काफी समय से कुछ दमदार कंटेन्ट ढूंढने की कोशिश कर रहे है और चटपटी मसालेदार दुनिया से दूर कुछ अच्छा देखना चाहते है तो एक बार यह सीरीज़ आपको अवश्य देखनी चाहिए।