भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह राज्य में अब कट्टरवादी पार्टी यानी AIMIM ने एंट्री ले ली है। भारतीय ट्राइबल पार्टी के साथ गठबंधन करने के पश्चात अब इन दोनों दलों के गठबंधन ने राज्य के मुस्लिम तथा आदिवासी मतों पर अपना दावा ठोक दिया है। गुजरात में आदिवासी तथा मुस्लिम वोट को कांग्रेस का परंपरागत वोट माना जाता है। इन्हीं दोनों समुदायों के बल पर कांग्रेस पार्टी ने माधव सिंह सोलंकी के नेतृत्व में गुजरात में सरकार बनाई थी। AIMIM पार्टी की एंट्री से गुजरात में कांग्रेस पार्टी की नींद उड़ चुकी है। भारतीय ट्राइबल पार्टी बीटीपी तथा AIMIM ने गुजरात में आगामी चुनाव के लिए गठबंधन किया है। बीटीपी के अध्यक्ष छोटू भाई बसावा ने ट्वीट करके खुद इस गठबंधन की जानकारी दी है। जिसके बाद से प्रदेश की राजनीतिक गलियारों में राजनीति तेज हो चुकी है। हालांकि कांग्रेस पार्टी सीधे-सीधे इसे कांग्रेस के वोट बैंक में सेंध लगाना नहीं मान रही है।
यह माना जाता है कि पिछले कुछ विधानसभा चुनाव तथा लोकसभा चुनावों में आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में भी पहले से भारतीय जनता पार्टी को ज्यादा बहुमत मिलता नजर आ रहा है लेकिन इसके बावजूद भी कांग्रेस का आदिवासी वोट बैंक तथा मुस्लिम वोट बैंक को एक साथ लाकर कांग्रेस पार्टी का सीधा फार्मूला बन जाता है। लेकिन अब यह माना जा रहा है कि यह राजनीतिक गठबंधन निश्चित रूप से कांग्रेस पार्टी को बड़ा नुकसान पहुंचाएगा। अभी तक कांग्रेस पार्टी के किसी भी नेता ने इस गठबंधन पर कोई भी आधिकारिक बयान नहीं दिया है लेकिन गुजरात की राजनीति में इस नए गठबंधन को स्वीकार कर लिया गया है।