नई दिल्ली | निर्भया गैंगरेप केस में दोषी मुकेश सिंह ने फांसी से बचने के लिए अब अपना आखिरी दांव चल दिया है। उसने मंगलवार को राष्ट्रपति के सामने दया याचिका दाखिल कर दी। अब देखना ये होगा कि राष्ट्रपति इस दया याचिका पर क्या फ़ैसला लेते हैं। इससे पहले मुकेश सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में भी सज़ा कम करने की याचिका दाख़िल की थी। जिसे की कोर्ट द्वारा ख़ारिज कर दिया गया।
जस्टिस एनवी रमणा की अध्यक्षता में हुई सुनवाई में इनकी याचिका खारिज कर दी गई है। फैसले के दौरान जजों ने कहा कि “क्यूटेरिव याचिका का कोई आधार नहीं है।”
आपको बता दे कि निर्भया केस के दोषियों के सारे कानूनी विकल्प समाप्त हो चुके हैं। हालाँकि दोषी मुकेश की दया याचिका राष्ट्रपति के पास है। इस दया याचिका में राष्ट्रपति से मृत्युदंड की सजा को उम्र कैद में बदलने की गुहार लगाई गई है। राष्ट्रपति ने भी अगर दया याचिका खारिज कर दी तो दोषियों की मौत की सजा तय तारीख पर दे दी जाएगी। इस मामले में चारों दोषियों को 22 जनवरी को सुबह 7 बजे फांसी पर लटकाया जाएगा।
16 दिसंबर, 2012 को 23 वर्षीय लड़की के साथ चलती बस में 6 लोगों ने सामूहिक दुष्कर्म किया गया था। जिसके बाद उस लड़की की मौत भी हो गई थी। इस मामले में छह आरोपियों को पकड़ा गया था, जिसमें से एक आरोपी नाबालिग था। वो अब अपनी सज़ा पूरी कर चुका है। वहीं, एक अन्य आरोपी राम सिंह ने तिहाड़ जेल में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी। इसके बाद बचे चारों आरोपियों को अब कोर्ट द्वारा फांसी की सजा सुना दी गयी है।