7 साल पहले दिल्ली में हुए निर्भया गैंगरेप का इंसाफ शुक्रवार सुबह 5:30 बजे हुआ। निर्भया गैंगरेप के चारों दोषी पवन, मुकेश, अक्षय और विनय को सुबह 5 बजकर 30 मिनिट पर फांसी के फंदे पर लटकाया गया। निर्भया गैंगरेप के आरोप में पिछले 7 साल से जेल की सजा काट रहे इन चारों आरोपियों को तिहाड़ जेल में फांसी दी गयी। फांसी से पहले सभी औपचारिकताओं को भी क़ानूनी तौर पर पूरा किया गया। सभी दोषियों का मेडिकल चेकअप हुआ तो चारों को फांसी देने से पहले उनकी आखिरी इच्छा के बारे में भी पूछा गया। विनय, अक्षय, मुकेश और पवन गुप्ता को एक साथ फांसी के फंदे पर लटकाए जाने के बाद शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।
हालांकि निर्भया के चारों दोषियों की ओर से आखिरी वक्त तक फांसी को टालने की कोशिश की गई। दोषियों के वकील द्वारा दिल्ली हाई कोर्ट में डेथ वारंट को टालने के खिलाफ याचिका भी दायर की गयी थी लेकिन कोर्ट ने सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया था। फांसी के दौरान तिहाड़ जेल को पूरी तरह से लॉकडाउन कर दिया गया था। जेल के बाहर भारी मात्रा में अर्धसैनिक बलों की तैनाती भी की गयी थी।
क्या हुआ था निर्भया के साथ?
निर्भया गैंग रेप कांड की बात करें तो 16 दिसंबर 2012 की रात को राजधानी दिल्ली में 6 लोगों ने चलती बस में पैरामेडिकल की छात्रा निर्भया से गैंगरेप किया था। निर्भया के साथ दरिंदगी की वो सारी हदें पार कर दी गयी थीं जिसे सुन कर ही हर किसी की रूह कांप जाती है। इस वारदात के बाद निर्भया को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया जहां निर्भया ने 29 दिसंबर को दम तोड़ दिया था।