यह बात पूरा विश्व और पूरा देश जानता है कि भारतीय जनता पार्टी आज जिस भी मुकाम पर पहुंची है इसका पूरा श्रेय प्रधानमंत्री मोदी के व्यक्तित्व को जाता है। यह कहा जाता है कि प्रधानमंत्री मोदी जिस लोकसभा या विधानसभा पर जाकर भाषण दे देते हैं वहां से भारतीय जनता पार्टी की जीत पक्की हो जाती है। अभी बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा नहीं हुई है लेकिन बिहार विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी और उनके सहयोगी दलों ने अपनी पूरी ताकत का प्रयोग कर दिया है। पार्टी अपने सबसे बड़े नेता प्रधानमंत्री मोदी के सहारे इस पूरे चुनाव प्रचार को देखेगी। 2015 के विधानसभा चुनाव की तर्ज पर एक बार फिर सबसे बड़े ब्रांड मोदी सर्वाधिक रैलियां करने की तैयारी में है। हालांकि संक्रमण के कारण यह रेलिया वर्चुअल तरीके से होंगी। विधानसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री मोदी की छह रेलियां होनी है जिसमें प्रधानमंत्री मोदी अलग-अलग योजनाओं का शिलान्यास करेंगे।
एनडीए के कार्यक्रम के अनुसार वर्चुअल रैली 10 सितंबर को होगी जिसमें प्रधानमंत्री मोदी मत्तस्य पालन, पशु पालन, कृषि विभाग से जुड़ी 294.53 करोड़ की विभिन्न योजनाओं का शिलान्यास करेंगे जबकि अन्य 13, 18, 21 और 23 सितंबर को होंगीं। यह माना जा रहा है कि इस बार भी भारतीय जनता पार्टी अपने सबसे अच्छे नेता प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता का भरपूर प्रयोग करना चाह रही है। इसीलिए सर्वाधिक रैली प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा बिहार विधानसभा चुनाव में कराई जाएंगी।
प्रधानमंत्री मोदी की रैलियों में प्रधानमंत्री मोदी सीधे तौर पर बिहार की जनता से संवाद कर सकेंगे। पार्टी की कोशिश है कि विकास और बीते 6 वर्षो में देश में हुए किसान, छोटे कामगरों, महिलाओं, कारोबारियों, युवाओं आदि के लिए जो कल्याणकारी योजनाएं चलाई गई हैं, उनका भरपूर प्रचार प्रसार किया जाए।
राजनीतिज्ञों की माने कि यदि भारतीय जनता पार्टी की यह नीति सफल होती है तो निश्चित रूप से यह माना जा सकता है कि राज्य में पहली बार विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभर सकती है।
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