पंजाब में सियासी संकट को समाप्त करने का नया तरीका निकाल लिया गया है। इसके माध्यम से नवजोत सिंह सिद्धू और कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच के विवाद को ख़त्म करने क़ी कोशिश क़ी जाएगी। पंजाब में कांग्रेस पार्टी के बीच चल रही कलह पर हरीश रावत ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने संकेत दिए हैं कि आपसी मतभेद खत्म करने का फॉर्मूला ढूंढ लिया गया है। जिसके अनुसार कैप्टन अमरिंदर सिंह (captain amrinder singh) पंजाब के मुख्यमंत्री बने रहेंगे। वहीं नवजोत सिंह सिद्धू (navjot singh sidhu) को कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाएगा।
इसके साथ-साथ दो वक्रिंग प्रेसिडेंट भी बनाए जाएंगे। ये हिंदू और दलित समुदाय के होंगे। इस मामले पर अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन जल्द ही इसका ऐलान किया जा सकता है। फिलहाल सुनील जाखड़ पंजाब में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हैं। पहले ये कयास लगाए जा रहे थे कि कैप्टन और सिद्धू की जंग में सुनील जाखड़ की कुर्सी की बलि चढ़ेगी। पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 को देखते हुए आने वाले दिनों में कैप्टन अमरिंदर सिंह की कैबिनेट में भी कुछ नए चेहरों को भी प्रवेश मिल सकता है।
आपको बता दें कि कुछ समय पहले नवजोत सिंह सिद्धू ने एक ट्वीट में कहा था कि मेरे विजन और पंजाब के लिए काम को आम आदमी पार्टी ने हमेशा पहचाना है। फिर चाहे वह 2017 से पहले की बात हो, ड्रग्स, किसानों के मुद्दे, भ्रष्टाचार हो या बिजली संकट का सामना। सिद्धू ने कहा कि आज जब मैं पंजाब मॉडल पेश कर रहा हूं तो यह स्पष्ट है कि वे जानते हैं कि वास्तव में पंजाब के लिए कौन लड़ रहा है। उनके इस बयान को लेकर यह माना जा रहा है कि नवजोत सिंह सिद्धू को यदि जल्द ही उनके मन मुताबिक पद नहीं दिया गया तो वे आम आदमी पार्टी में शामिल हो सकते हैं। हालांकि इन खबरों पर हरीश रावत ने विराम लगा दिया है।