भारत में पाकिस्तान के द्वारा अल्पसंख्यकों के प्रति जताई गई चिंता को लेकर केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने पाकिस्तान को आईना दिखा दिया है। मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि जो खुद अल्पसंख्यकों पर अत्याचार के लिए बदनाम है वह उंगली ना उठाए। भारत न सिर्फ हर किसी को धार्मिक स्वतंत्रता देता है, बल्कि उसके सामाजिक शैक्षणिक तथा आर्थिक विकास के लिए काम करता है। भारत को बदनाम करने के पाकिस्तान के बदनीयत एजेंडे से पूरा विश्व परिचित है। वह चाहे जितना प्रयास कर ले, वैश्विक स्तर पर भारत की प्रतिबद्धता और विश्वसनीयता को आंच नहीं पहुंचा सकता।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत में पाकिस्तान समेत किसी भी इस्लामिक देश के मुकाबले ज्यादा मस्जिदें हैं। यहां तीन लाख से ज्यादा सक्रिय मस्जिद हैं जो पंजीकृत हैं। विभाजन के वक्त भारत में लगभग आठ प्रतिशत अल्पसंख्यक थे जो अब लगभग 22 प्रतिशत हैं। दूसरी ओर पाकिस्तान में तब पांच हजार मंदिर थे, लेकिन अब 30 से भी कम हैं। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों की संख्या भी 24 प्रतिशत से घटकर दो प्रतिशत तक पहुंच गई है। भारत का अल्पसंख्यक समाज मुख्यधारा का हिस्सा है और प्रगति की राह पर है। वह पाकिस्तान की नीयत को समझता है और उसकी करतूतों से भी वाकिफ है। फिर भी पाकिस्तान भारत को सीख देने की जुर्रत कर रहा है जो हास्यास्पद है।