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मोदी 2.0 – सेट किया 2022 का लक्ष्य, इस जाति के लिए करेंगे सबसे ज्यादा काम!

आजादी के बाद पहली बार किसी राजनैतिक पार्टी और नेता को इतना बड़ा जनादेश मिला है। लेकिन हर बड़ी जीत अपने साथ बड़ी जिम्मेदारियां भी लेकर आती है, इसमें कोई दोराह नहीं है। भारतीय जनता पार्टी या यूँ कहें कि नरेंद्र मोदी की इस अप्रत्यशित जीत के पीछे अगर कुछ है तो वो है उनकी कड़ी मेहनत जिसके सामने बड़े बड़े दिग्गज धराशायी हो गए हैं।

परिणाम आने से ठीक दो दिन पहले से जब समूचा विपक्ष ईवीएम और चुनाव आयोग को कोसने में लगा हुआ था, उस समय नरेंद्र मोदी अपने सहयोगियों के साथ अपने आगामी कार्यों पर मंथन करने में लगे हुए थे। नतीजों से ठीक एक दिन पहले भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह के द्वारा एक डिनर पार्टी का आयोजन किया गया जिसमे NDA के सभी घटक दलों ने भी शिरकत की। इसके बाद सभी शीर्ष नेताओं ने मिलकर एक प्रस्ताव पारित किया और मिशन 2022 पर विशेष चर्चा की। बैठक में तय हुआ कि, आज़ादी की 75वीं वर्षगांठ तक एक ऐसे भारत का निर्माण करना है जिसका सपना कभी भारत के स्वतंत्रता सैनानियों ने देखा था।

गरीबी पर करेंगे कड़ा प्रहार

गरीबी, जो न जाति देखती है और न धर्म। जब तक इस देश में गरीबी रहेगी तब तक इस देश को आगे नहीं ले जाया सकता। ऐसे में गरीबी पर कड़ा प्रहार करना आवश्यक है। अगर 2014 से पहले के राजनैतिक परिपेक्ष्य को देखा जाये तो गरीबी मिटाने की बातें सभी पार्टियों के घोषणापत्र में एक विशेष स्थान तो पा जाती थीं, लेकिन चुनाव के नतीजे आने के बाद ये सभी बातें हवा में भाप की तरह गायब हो जाती थीं। वहीं इसके उलट मोदी सरकार ने अपनी ज्यादातर योजनाओं के केंद्र में गरीबों को स्थान दिया है, और कुछ हद तक इस समस्या से निपटने में सफलता भी प्राप्त की है। बैठक में पारित प्रस्ताव में गरीबी को सबसे बड़ी जाति मानकर गरीबों की सेवा करने और उनकी समस्याओं को दूर करने के संकल्प को दोहराया गया और गरीबी से निपटने के लिए हर संभव प्रयास करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया। जिसके अंतर्गत आय और रोजगार में वृद्धि के साथ-साथ पानी और बिजली जैसी कई बुनियादी सुविधाओं को उपलब्ध कराने की बात कही गई।

सबको मिलेगा पक्का मकान

अपने पिछले कार्यकाल में मोदी सरकार ने तमाम गरीब परिवारों को पक्के मकान उपलब्ध कराये हैं, जिनकी संख्या लगभग 1.25 करोड़ (आंकड़े जनवरी 2019 तक) है। लेकिन 130 करोड़ की आबादी वाले इस देश में आज भी कई परिवार ऐसे हैं जो कच्चे घरों में रहने के लिए मजबूर हैं। अपने आगामी कार्यकाल में इसी कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए मोदी सरकार ने, 2022 तक हर भारतीय के ऊपर पक्की छत हो, ऐसा लक्ष्य निर्धारित किया। और मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल की परफॉर्मेंस को देखा जाये तो यह बात बहुत हद तक मुमकिन भी लगती है।

किसान की आय दोगुनी करने का लक्ष्य

भारत की लगभग 60 फीसदी आबादी कृषि पर निर्भर है। इनमें ज्यादातर किसान ऐसे हैं जो आर्थिक रूप से इतने सक्षम नहीं हैं कि किसी भी नुक्सान को सहन कर सकें। बैठक में 2022 तक भारत के अन्नदाताओं की आय दुगनी करने के लिए, पिछले कार्यकाल में किये गए प्रयासों को तेज़ गति से आगे बढ़ाने के विषय पर भी चर्चा हुई। इस दिशा में किसानों को बिना ब्याज के 1 लाख रूपए तक का लोन मुहैया कराया जा रहा है। इसके अलावा जमीन की उपजाऊ क्षमता बढ़ाने के लिए 25 लाख करोड़ का निवेश भी किया जायेगा।

सेना को बनाना है और अधिक शक्तिशाली

आजादी से अब तक शायद ही कोई सरकार ऐसी होगी जिसने देश के वीर सैनिकों की इतनी चिंता की होगी जितनी की मोदी सरकार ने की है। चाहे उन्हें अत्याधुनिक हथियार मुहैया कराने की बात हो या फिर बुलेटप्रूफ जैकेट से लेस करने की, हर तरह से भारतीय सेना को सक्षम बनाने का प्रयास किया गया है। इस दिशा में भारतीय सेना को और अधिक शक्तिशाली बनाने के लिए 2022 तक कई आधुनिक मिसाइलों और जेट हवाई जहाजों को सेना में शामिल करने और सीमा पर खड़े सैनिक की हर आवश्यक जरूरत को पूरा करने पर ज़ोर दिया जायेगा।

जल्द मिलेगा पहली बुलेट ट्रेन का तोहफा

भारत की जनता को बुलेट ट्रेन का सपना भी मोदी सरकार ने ही दिखाया है। सपने तो आज तक अन्य पार्टियों ने भी बहुत दिखाए, लेकिन मोदी की बात कुछ अलग है। वे जानते है कि सपना दिखाकर उसे कैसे साकार करना है। जापान की सहायता से चल रहे बुलेट ट्रेन के पहले प्रोजेक्ट को भी मोदी सरकार ने 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है, जिसका काम तेजी से चल रहा है। यह बुलेट ट्रेन अहमदाबाद से मुंबई के बीच दौड़ेगी। इसके अलावा भारतीय रेलवे की गति को और अधिक बढ़ाने के प्रयास भी मोदी सरकार द्वारा किये जा रहे हैं, जिसका एक उदाहरण है वंदे भारत एक्सप्रेस जिसने दिल्ली से वाराणसी तक के सफर को घटाकर 8 घंटे कर दिया है। इसे सेमी बुलेट ट्रेन के नाम से भी जाना जाता है।

देश को मिलेंगी 100 स्मार्ट सिटी

भारत को और अधिक सक्षम और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में 2022 तक 100 स्मार्ट शहरों को विकसित करने के संकल्प को भी दोहराया गया। स्मार्ट सिटी का मतलब है एक ऐसा शहर जहाँ हर तरह की बुनियादी सुविधाएँ उपलब्ध हों, स्कूल और कॉलेज हों, आधुनिक सुविधाओं से युक्त अस्पताल हों, जहाँ कोई बेरोजगार न हो, एक ऐसा शहर जहाँ गंदगी का कोई नामो-निशान न हो।

2022 तक अंतरिक्ष में लहराएगा भारत का परचम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत को दुनिया के बड़े देशों से भी आगे देखना चाहते हैं, जिसका जिक्र उन्होंने कई बार अपने भाषणों में भी किया है। उन्होंने कहा है कि 2022 तक हम देश को अंतरिक्ष के क्षेत्र में इतनी ऊँचाइयों तक ले जाना चाहते हैं कि भारत का कोई भी युवा चाहे वह बेटा हो या बेटी अंतरिक्ष में अपना कदम रख पाने में सक्षम होगा। इस मिशन को ‘गगनयान’ नाम दिया गया है, जिसका कार्य प्रारम्भ भी हो चुका है।

एनडीए पूर्ण बहुमत के साथ एक बार फिर सरकार बनाने के लिए पूरी तरह से तैयार है। इस जीत के बाद देश का आम नागरिक अगले 5 साल के लिए चिंतामुक्त हो गया है। एनडीए की इस पारी को मोदी 2.0 (Modi 2.0) कहना गलत नहीं होगा। पिछले 5 सालों में मोदी जी ने बगैर छुट्टी लिए लगातार काम किया है। 68 वर्ष की उम्र में निःस्वार्थ होकर इतना काम शायद ही आज से पहले किसी राजनेता ने किया हो। आज भारत के हर व्यक्ति को यह विश्वास हो गया है कि देश का भविष्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों में सुरक्षित है।

Image Source: Wikipedia

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