समुद्र से बरामद हुआ करोड़ों का खजाना, इंडोनेशिया के मछुआरों को मिली बड़ी कामयाबी

इंडोनेशिया के समुद्र में खुद करते हुए मछुआरों को एक सोने की द्वीप मिला है। जिस द्वीप पर मछुआरों को सोना ही सोना मिला, इसीलिए उन्होंने इस द्वीप का नाम सोने का द्वीप रख दिया। आइए जानते हैं इस खबर के बारे में-

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सांकेतिक चित्र

आप सभी बचपन में सुनते होंगे कि धरती और समुंदर के नीचे खजाना होता है। ऐसी ही एक खोज इंडोनेशिया के मछुआरों ने की है। बताया जा रहा है कि इंडोनेशिया के मछुआरों ने सोने के द्वीप की खोज की है। यानी कि इस द्वीप में सोना ही सोना है। इंडोनेशिया के बारे में कहा जाता था कि यहां पर राजा महाराजा राज करते थे इसीलिए इस के किसी भी क्षेत्र में खजाना पाया जा सकता है। इस कारण पिछले 5 वर्षों से पालेमबांग के पास मुसी नदी की खोज मछुआरे कर रहे थे, जिसमें भारी संख्या में मगरमच्छ रहते हैं। उन्हें अपनी इसी खोज के दौरान सोने से भरा हुआ एक द्वीप मिला। इस द्वीप को उन मछुआरों ने सोने का द्वीप नाम दिया। आपको बता दें कि यहां बेशकीमती रत्न, सोने की अंगूठियां, सिक्के और कांस्य भिक्षुओं की घंटियां मिली हैं। इस खोज में लोगों को एक 8वीं शताब्दी की एक गहना से सजी बुद्ध की आदमकद प्रतिमा भी मिली है, जिसकी कीमत लाखों पाउंड बताई जा रही है।

द गार्डियन में छ्पी खबर के अनुसार ये कलाकृतियां श्रीविजय सभ्यता के टाइम की बताई जा रही हैं। आपको बता दें कि श्रीविजय साम्राज्य 7वीं और 13वीं शताब्दी के बीच एक शक्तिशाली साम्राज्य हुआ करता था। हालांकि कुछ समय बाद ही यह पूरा साम्राज्य धीरे-धीरे समाप्त होने लगा। इस साम्राज्य के भारत से सीधे संबध बताये जाते हैं। ब्रिटिश समुद्री पुरातत्वविद् डॉ. सीन किंग्सले के अनुसार ये साम्राज्य ‘जल वर्ल्ड’ हुआ करता था।

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