एक तरफ़ पूरे देश में आजादी का जश्न मनाया जा रहा था तो दूसरी ओर बसपा मुखिया मायावती ने स्वतंत्रता दिवस पर देश व प्रदेश के लोगों को शुभकामनाएं देने के साथ-साथ, उत्तर प्रदेश में आजमगढ़ और लखीमपुर खीरी में हुई हिंसक घटना को लेकर प्रदेश की योगी सरकार पर हमला बोल दिया। सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने वाली मायावती ने लगातार तीन ट्वीट करके योगी सरकार पर हमला बोला। मायावती ने पहले ट्वीट में कहा, “74वें स्वतंत्रता दिवस पर समस्त देशवासियों को हार्दिक बधाई व शुभकामनायें। स्वतंत्रता अमूल्य है। इसकी सार्थकता सभी के लिए बनी रहे इसके लिए संवैधानिक मूल्यों को बनाये रखने का लोकतांत्रिक प्रयास जारी रखना है। कोरोनाकाल में इस दिवस को इसके पूरे पवित्र संकल्प के साथ मनाये तो बेहतर होगा।”
https://twitter.com/Mayawati/status/1294454327797411841
दूसरे ट्वीट में मायावती ने कहा, “आजमगढ़ के बांसगाँव में दलित प्रधान सत्यमेव जयते पप्पू की स्वतंत्रता दिवस की पूर्वसंध्या में नृशंस हत्या व 1 अन्य की कुचलकर मौत की खबर अति-दुःखद। यूपी में दलितों पर इस प्रकार की हो रही जुल्म-ज्यादती व हत्या आदि से पूर्व की सपा व बीजेपी की वर्तमान सरकार में फिर क्या अन्तर रह गया है?”
आजमगढ़ के बांसगाँव में दलित प्रधान सत्यमेव जयते पप्पू की स्वतंत्रता दिवस की पूर्वसंध्या में नृशंस हत्या व 1अन्य की कुचलकर मौत की खबर अति-दुःखद। यूपी में दलितों पर इस प्रकार की हो रही जुल्म-ज्यादती व हत्या आदि से पूर्व की सपा व बीजेपी की वर्तमान सरकार में फिर क्या अन्तर रह गया है?
— Mayawati (@Mayawati) August 15, 2020
एक अन्य ट्वीट में मायावती ने कहा, “यूपी के लखीमपुर खीरी के पकरिया गाँव में दलित नाबालिग के साथ बलात्कार के बाद फिर उसकी नृशंस हत्या अति-दुःखद व शर्मनाक। ऐसी घटनाओं से सपा व वर्तमान भाजपा सरकार में फिर क्या अन्तर रहा? सरकार आजमगढ़ के साथ खीरी के दोषियों के विरूद्ध भी सख्त कार्रवाई करे, बीएसपी की यह माँग है।”
यूपी के लखीमपुर खीरी के पकरिया गाँव में दलित नाबालिग के साथ बलात्कार के बाद फिर उसकी नृशंस हत्या अति-दुःखद व शर्मनाक। ऐसी घटनाओं से सपा व वर्तमान भाजपा सरकार में फिर क्या अन्तर रहा? सरकार आजमगढ़ के साथ खीरी के दोषियों के विरूद्ध भी सख्त कार्रवाई करे, बीएसपी की यह माँग है।
— Mayawati (@Mayawati) August 15, 2020
तो आप सभी ने देखा किस प्रकार मायावती ने योगी सरकार पर हमला तो बोला लेकिन मायावती के लहजे में कुछ परिवर्तन दिखाई दे रहा है। जिस प्रकार वे पहले किसी भी पार्टी को कोसने के लिए सीधे तौर पर उस पर निशाना साधती थी लेकिन अब घुमा फिरा कर बात कहने लगी हैं। निश्चित रूप से मायावती की इस प्रकार की राजनीति कोई नया संदेश देती दिखाई दे रही है।