उत्तर प्रदेश में विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद एक अजीब सी हलचल उत्पन्न हो गई है। विकास दुबे के सभी साथी जिनका एनकाउंटर हुआ है वे सभी ब्राह्मण थे। हालांकि सभी का यही कहना है कि अपराधी की कोई भी जाति नहीं होती है। इसके बाद उत्तर प्रदेश के ब्राह्मणों के मन में एक अजीब सी अशांति उत्पन्न हो गई है।
लगातार सोशल मीडिया पर इस तरह की पोस्ट वायरल हो रही है जिसमें कहा जा रहा है कि योगी सरकार में ब्राह्मणों पर अत्याचार हो रहा है। इस मामले पर आज मायावती ने अपना पक्ष खुलकर सामने रखा है। मायावती ने कहा कि भाजपा सरकार को तथ्यों के आधार पर कार्य करना चाहिए। उन्हें ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिए जिससे ब्राह्मण समाज को लगे कि वे उत्तर प्रदेश में असुरक्षित हैं।
1. बीएसपी का मानना है कि किसी गलत व्यक्ति के अपराध की सजा के तौर पर उसके पूरे समाज को प्रताड़ित व कटघरे में नहीं खड़ा करना चाहिए। इसीलिए कानपुर पुलिस हत्याकाण्ड के दुर्दान्त विकास दुबे व उसके गुर्गों के जुर्म को लेकर उसके समाज में भय व आतंक की जो चर्चा गर्म है उसे दूर करना चाहिए।
— Mayawati (@Mayawati) July 12, 2020
2. साथ ही, यूपी सरकार अब खासकर विकास दुबे-काण्ड की आड़ में राजनीति नहीं बल्कि इस सम्बंध में जनविश्वास की बहाली हेतु मजबूत तथ्यों के आधार पर ही कार्रवाई करे तो बेहतर है। सरकार ऐसा कोई काम नहीं करे जिससे अब ब्राह्मण समाज भी यहाँ अपने आपको भयभीत, आतंकित व असुरक्षित महसूस करे।
— Mayawati (@Mayawati) July 12, 2020
बसपा सुप्रीमो मायावती ने भाजपा सरकार को चेताया है कि कुछ गलत व्यक्ति के कुकर्मों को पूरे समाज से जोड़ना गलत है। सरकार तथ्यों के आधार पर ही कोई कार्रवाई करे।
3. इसी प्रकार, यूपी में आपराधिक तत्वों के विरूद्ध अभियान की आड़ में छांटछांट कर दलित, पिछड़े व मुस्लिम समाज के लोगों को निशाना बनाना, यह भी काफी कुछ राजनीति से प्रेरित लगता है जबकि सरकार को इन सब मामलों में पूरे तौर पर निष्पक्ष व ईमानदार होना चाहिए, तभी प्रदेश अपराध-मुक्त होगा।
— Mayawati (@Mayawati) July 12, 2020