उत्तर प्रदेश में लगातार सियासत ब्राह्मणों के चारों ओर घूमती हुई नजर आ रही है। मायावती भी इस मौके को हाथ से गंवाना नहीं चाहती। बसपा सुप्रीमो मायावती का ब्राह्मण प्रेम अचानक जाग गया है। मायावती ने शनिवार 22 अगस्त को लगातार एक के बाद 4 ट्वीट कर प्रदेश में एक बार फिर ब्राह्मणों को अपनी ओर करने की चाल चल दी है।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने ट्वीट में लिखा, “बीजेपी द्वारा सिर्फ रामराज्य की बात ही करने से यूपी की गरीब जनता का विकास तथा उत्थान होने वाला नहीं है, न ही उन्हें जुल्म ज्यादती से निजात मिलने वाला है बल्कि श्रीराम के उच्च आदर्शो पर चलकर सरकार चलाने से ही यह संभव हो सकता है। जिस पर यह सरकार चलती हुई नजर नहीं आ रही है।”
1.बीजेपी द्वारा केवल रामराज्य की बात करने से यूपी की गरीब जनता का विकास व उत्थान आदि होने वाला नहीं है और न ही उन्हें जुल्म-ज्यादती से निजात ही मिलने वाला है बल्कि श्रीराम के उच्च आदर्शों पर चलकर सरकार चलाने से ही यह सब सम्भव हो सकता है, जिसपर यह सरकार चलती हुई नजर नहीं आ रही है।
— Mayawati (@Mayawati) August 22, 2020
मायावती ने अगले ट्वीट में ब्राह्मण कार्ड खेलते हुए लिखा, “खासकर ब्राह्मण समाज के प्रति बीजेपी की जातिवादी कार्यशैली से दुःखी होकर अब इस पार्टी से अलग होकर व बीएसपी में जुड़ते हुये देखकर इन्हें यह कह रहे हैं कि तिलक, तराजू की बात करने वाले अब परशुराम की बात कर रहे हैं। लेकिन यह समाज काफी बुद्धिमान है। इनके बहकावे में नहीं आयेगा।”
2. खासकर ब्राह्मण समाज के प्रति बीजेपी की जातिवादी कार्यशैली से दुःखी होकर अब इस पार्टी से अलग होकर व बीएसपी में जुड़ते हुये देखकर इन्हें यह कह रहे हैं कि तिलक, तराजू की बात करने वाले अब परशुराम की बात कर रहे हैं। लेकिन यह समाज काफी बुद्धिमान है। इनके बहकावे में नहीं आयेगा। 2/4
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मायावती ने अपनी एक और ट्वीट में अपनी पार्टी की सफाई देते हुए कहा, “जबकि जग जाहिर तौर पर तिलक-तराजू आदि की बात बीएसपी ने कभी नहीं कहीं और न ही बाबरी मस्जिद के स्थान पर कभी शौचालय बनाने की बात कही। यह सब गलत आरोप विरोधियों ने केवल बीएसपी को नुकसान पहुंचाने के लिए उन्हें जबरन हमारी पार्टी से जोड़ दिया है। जो अति निंदनीय है। यदि इन आरोपों में थोड़ी भी सत्यता होती तो फिर बीएसपी अपनी पिछली सरकार में खासकर ब्राह्मण समाज के विधायकों को बड़ी संख्या में मंत्री व अन्य उच्च पदों पर क्यों रखती? वैसे यह समाज सब कुछ जानता है। वे बिल्कुल गुमराह नहीं होंगे पार्टी को इन पर पूरा भरोसा है।”
3. जबकि जग-जाहिर तौर पर तिलक, तराजू आदि की बात बीएसपी ने कभी नहीं कही और ना ही बाबरी मस्जिद के स्थान पर कभी शौचालय बनाने की भी बात कही है। ये सब घृणित आरोप विरोधियों नेे केवल बीएसपी को नुकसान पहुँचाने के लिए इन्हें जबरन हमारी पार्टी से जोड़ दिया है, जो अति-निन्दनीय। 3/4
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4. यदि इस आरोप में थोड़ी भी सत्यता होती तो फिर बीएसपी अपनी पिछली सरकार में खासकर ब्राह्मण समाज के विधायकों को बड़ी संख्या में मन्त्री व अन्य उच्च पदों पर क्यों रखती? वैसे यह समाज सब कुछ जानता है। वे बिल्कुल गुमराह नहीं होंगे। पार्टी को इनपर पूरा भरोसा।4/4
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