प्रधानमंत्री मोदी के प्रधानमंत्री बनने में सबसे बड़ा योगदान विपक्ष का है क्योंकि विपक्ष दोनों ही चुनावों में कभी भी एक नजर नहीं आया। लेकिन इस समय नीट और जेईई परीक्षा टालने के मुद्दे पर सारा विपक्ष एक साथ नजर आ रहा है। विपक्ष से दूरी बनाए रखने वाली तृणमूल कांग्रेस की नेता और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी कांग्रेस का समर्थन किया है। कांग्रेस लगातार विपक्षी दलों को एकत्रित कर केंद्र सरकार के खिलाफ उनका प्रयोग करने की फिराक में रहती है लेकिन कभी भी विपक्ष एक नहीं हो पाता। केंद्र सरकार के खिलाफ विपक्ष को एकत्रित करने की कई बैठकों में ममता बनर्जी उपस्थित नहीं रही थी।
ममता बनर्जी का विपक्ष के साथ जाना इसलिए भी तय हुआ क्योंकि पश्चिम बंगाल को लेकर भाजपा बेहद ही आक्रामक रुख अपनाए हुए है। ऐसे में यदि कांग्रेस, लेफ्ट और तृणमूल कांग्रेस एक होकर भाजपा का मुकाबला करें तो अगला चुनाव आसान हो जाएगा। इसके अलावा यदि कांग्रेस, लेफ्ट और तृणमूल कांग्रेस अलग-अलग चुनाव लड़ती है, तो इसका सीधा फायदा भारतीय जनता पार्टी को पहुंचेगा। इस बैठक में तृणमूल कांग्रेस के साथ शिवसेना ने जिस तरह का रुख अपनाया है उससे कांग्रेस उत्साहित है।