नागरिकता संशोधन विधेयक को आज ही गृह मंत्री अमित शाह द्वारा लोकसभा में पेश किया गया। अमित शाह ने बिल पेश करते हुए कहा कि यह अल्पसंख्यकों के खिलाफ नहीं बल्कि घुसपैठियों के खिलाफ है।
लेकिन नागरिकता संशोधन विधेयक को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ‘विभाजनकारी’ बताते हूए इस पर अपना कड़ा विरोध जताया है। उन्होंने कहा कि देश के किसी भी नागरिक को शरणार्थी नहीं बनने दिया जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि, “टीएमसी के सत्ता में रहते हुए बंगाल में कभी एनआरसी और कैब की इजाजत नहीं दी जाएगी।”
ममता बनर्जी ने नागरिकता संशोधन विधेयक पर कहा कि -“यह विभाजनकारी विधेयक है और इसका किसी भी कीमत पर विरोध होना चाहिए। प्रदेश में एनआरसी लागू होने के डर से अब तक तीस लोग आत्महत्या कर चुके हैं। आगे बनर्जी ने कहा भारत जैसे पंथनिरपेक्ष देश में नागरिकता कभी भी धर्म के आधार पर नहीं दी जा सकती।
ममता बनर्जी ने केन्द्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि- “इस देश का एक भी नागरिक शरणार्थी नहीं बनेगा। कुछ लोग अपने राजनैतिक बड़बोलेपन के जरिये अशांति उत्पन्न करना चाहते हैं लेकिन मैं साफ कर देना चाहती हूँ कि कोई एनआरसी और कैब लागू नहीं होगा। आप जाति या धर्म के आधार पर एनआरसी या कैब लागू नहीं कर सकते।
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