हिंदुत्व को रिझाने चली ममता बनर्जी, शिवरात्रि पर जारी होगा ममता का मैनिफेस्टो

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा हिंदू वोटरों को आकर्षित करती हुई दिखाई दे रही है। वहीं अब लग रहा है कि ममता बनर्जी भी हिंदू वोटर्स को अपनी ओर आकर्षित करके अपनी सरकार को स्थिर करना चाहती हैं और दोबारा सत्ता में वापसी भी करना चाहती हैं।

0
212

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के चलते भारतीय जनता पार्टी हिंदू वोटर्स को अपनी ओर आकर्षित कर रही है, वहीं दूसरी तरफ अब ममता बनर्जी भी हिंदू वोटर्स को अपनी तरफ करने में पूरी ताकत झोंक चुकी हैं। उन्होंने नंदीग्राम के आंदोलन और अपने संघर्ष को दोहराया। ममता बनर्जी ने कहा, ”सिंगूर के बाद नंदीग्राम का ही आंदोलन हुआ था। मैं गांव की बेटी हूं। नंदीग्राम के दौरान मुझ पर बहुत से अत्याचार हुए थे। मैं अपना नाम भूल सकती हूं, लेकिन नंदीग्राम नहीं।” मंच से ही चंडीपाठ करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि मैं हिंदू हूं, कोई मुझे हिंदुत्व न सिखाए। मुझे नंदीग्राम आने से रोका गया था। यदि उस दौर में नंदीग्राम की मां और बहनें आगे न आतीं तो मूवमेंट नहीं होता। मैंने लोगों की मांग के चलते नंदीग्राम से चुनाव लड़ने का फैसला किया। मैंने मन बना लिया था कि मैं इस बार या तो सिंगूर से या फिर नंदीग्राम से चुनाव लड़ूंगी। नंदीग्राम की सीट खाली हो गई थी, इसलिए यहां से लड़ने का फैसला किया। यदि आप लोग मुझे कहेंगे कि मुझे यहां से लड़ना चाहिए तभी मैं नॉमिनेशन कराऊंगी।”

ममता बनर्जी अपनी पार्टी का मैनिफेस्टो 11 मार्च यानी भगवान शिव के पावन उत्सव महाशिवरात्रि पर जारी करेंगी। 10 मार्च को ममता बनर्जी अपना पर्चा दाखिल करने वाली है और ममता के बयान इस बार साफ दर्शाते हैं कि भारतीय जनता पार्टी के द्वारा लगाई गई चक्कर निश्चित रूप से ममता की सत्ता को तो हिला चुकी है। ममता बनर्जी ने जब ऐलान किया था कि मैं नंदीग्राम से चुनाव लड़ूंगी तब उनके साथ रहे और भारतीय जनता पार्टी के नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा था कि मैं ममता बनर्जी को 50000 वोटों से हराऊंगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here