बिहार की प्रमुख पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी अब पूरी तरह से अपना जनाधार खो चुकी है। बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से अलग होकर चिराग पासवान ने अपने पैरों पर खुद कुल्हाड़ी मार दी है। पार्टी के पांचों सांसदों ने राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान को सभी पदों से हटा दिया है। चिराग के चाचा पशुपति कुमार पारस को अपना नेता चुन लिया गया है। उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ संसदीय दल के नेता का जिम्मा भी सौंपा गया है। कभी बिहार की राजनीति में सदैव सक्रिय रहने वाले रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान का ऐसा हाल होगा यह किसी भी राजनीतिकज्ञ ने नहीं सोचा था।
लोजपा सांसद पशुपति कुमार पारस, चौधरी महबूब अली कैसर, वीणा सिंह, चंदन सिंह और प्रिंसराज तथा चिराग पासवान के रास्ते अब अलग-अलग होते हुए नजर आ रहे हैं। रविवार देर शाम तक चली लोजपा सांसदों की बैठक में इस फैसले पर मुहर लग गई। बाद में पांचों सांसदों ने अपने इस फैसले की जानकारी लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को भी दे दी। सांसदों ने उन्हें इस संबंध में आधिकारिक पत्र भी सौंप दिया।