बिहार विधानसभा चुनाव से पहले ही बहुत सारे नेता अब दल बदल रहे हैं। कई कद्दावर नेताओं के बेटे या बेटियां अपने दलों को छोड़कर दूसरे दलों के पास जा रही हैं। इसी श्रंखला में लोकतांत्रिक जनता दल के प्रमुख शरद यादव की बेटी सुभाषिनी यादव बुधवार को कांग्रेस में शामिल हो गई। इससे पहले लोक जनशक्ति पार्टी के नेता और पूर्व सांसद काली पांडे भी कांग्रेस में शामिल हुए थे। यह माना जा रहा है यह दोनों नेता बिहार विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस से टिकट की मांग कर रहे हैं।
सामाजिक कार्यकर्ता सुभाषिनी यादव ने कहा कि वे बिहार में महागठबंधन की लड़ाई को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी ले रही है क्योंकि उनके पिता शरद यादव ने हमेशा इसका समर्थन किया है। कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण करने पर उन्होंने कहा, ” मुझे यह मौका देने के लिए मैं सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा को धन्यवाद देती हूं! शरद यादव बिहार विधानसभा चुनाव में सक्रिय रूप से हिस्सा नहीं ले रहे हैं क्योंकि वह ठीक नहीं है उन्होंने हमेशा महागठबंधन का समर्थन किया है। अब यह मेरी जिम्मेदारी है कि मैं इस लड़ाई को आगे ले जाऊं और बिहार को ऊंचाई तक ले जाऊं!”
लोक जनशक्ति पार्टी के कद्दावर नेता काली पांडे ने भी लोक जनशक्ति पार्टी का दामन छोड़कर कांग्रेस की सदस्यता ले ली और उसके बाद उन्होंने कहा कि उनके लिए यह घर वापसी है। क्योंकि उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को 1984 में समर्थन दिया था जब वह लोकसभा के सदस्य थे। 1980 में काली पांडे ने स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में बिहार विधानसभा चुनाव जीता और फिर राज्य के गोपालगंज से 1984 का संसदीय चुनाव जीता था। अगस्त 2017 में पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण शरद यादव को जेडीयू से निकाला गया था इसके बाद उन्होंने लोकतांत्रिक जनता दल बनाया 2019 में लोकसभा चुनाव में उन्होंने महागठबंधन का समर्थन किया और महागठबंधन से मधेपुरा से चुनाव लड़ा और करारी हार का सामना करना पड़ा।
Source: Tweeted by @Binoy_R