Kolkata Durga Puja : अलग-अलग पंडालों में दिख रहे हैं मां भवानी के अलग-अलग रूप, कहीं माता को पहनाई गई सोने से जड़ी साड़ी, तो कहीं माता का स्थापित किया गया सजीव रूप

पूरे देश में नवदुर्गा का उत्सव भव्य तरीके से मनाया जा रहा है। इसी बीच पश्चिम बंगाल के कोलकाता से अलग-अलग तरह के पंडाल सामने आ रहे हैं। जिसमें मां दुर्गा को बड़े ही भव्य तरीके से स्थापित किया गया है।

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दुनिया भर में इस समय मां दुर्गा का उत्सव मनाया जा रहा है। लोग नवरात्रि के इन पावन दिनों में मां भवानी से अपने और अपने परिवार के मंगल की कामना करते हैं। वैसे तो पूरे भारत में ही इस त्यौहार को श्रद्धा के साथ मनाया जाता है,लेकिन प्रमुख रूप से पश्चिम बंगाल में मां दुर्गा का उत्सव देखने योग्य होता है। दुर्गा पूजा के अवसर पर इस बार कोलकाता के पंडाल (Kolkata Durga Puja Pandal) में मां दुर्गा की मूर्तियों को विशेष रूप में तैयार किया गया है। आपको बता दें कहीं मां दुर्गा के पंडालों को किसान आंदोलन की तर्ज पर बनाया गया है तो कहीं इन पंडालों में दुबई का बुर्ज खलीफा दिखाई देता है। वहीं कोलकाता में बांग्लादेश की राजशाही के तर्ज पर पंडाल बना है। आज से पंडालों में मां दुर्गा की औपचारिक पूजा शुरू हो गई है।

कोलकाता के प्रसिद्ध बागुईआटी में बंधु महल क्लब के द्वारा एक पंडाल में मां दुर्गा की दो मूर्तियों को स्थापित किया गया है जिनमें से मां दुर्गा की एक मूर्ति में उनकी आंखें सोने से बनाई गई है तो दूसरी मूर्ति में मां ने सोने की साड़ी पहनी है। मूर्ति से संबंधित बातों की जानकारी देने के लिए बंधु महल क्लब के एक आयोजक के अनुसार मूर्ति की साड़ी में करीब 6 ग्राम सोना है और मूर्ति की आंखों में करीब 10 से 11 ग्राम सोने का इस्तेमाल किया गया है। वहीं पंडाल की बात करें, तो इसके पंडाल को तैयार करने में लाखों रुपये खर्च किए गए हैं।

दक्षिण कोलकाता के बेहाला की बरिशा सार्वजनिन दुर्गोत्सव समिति ने राजशाही (अब बांग्लादेश में) दुर्गा पूजा की थीम पर दुर्गा पूजा पंडाल तैयार किया है…बेहाला की बरिशा सार्वजनिन दुर्गोत्सव समिति के सदस्य तन्मय चटर्जी कहते हैं, “हम भारत की सबसे पुरानी दुर्गा पूजा थीम पर काम कर रहे हैं जो 415 साल पहले राजशाही में हुई थी जो अब बांग्लादेश में है…. हम इसे शोध के आधार पर आयोजित कर रहे हैं। ”

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