जानिए PFI के काले कारनामों के बारे में, इस्लामिक कट्टरता फैलाने और बम बनाने की श्रृंखला में शामिल रहा है PFI

बाबरी विध्वंस के बाद एनडीएफ बनी जो बाद में पीएफआई संगठन बन गई और इस पर धर्मांतरण, संप्रदायिक दंगे फैलाने और लव जेहाद को बढ़ावा देने के गंभीर आरोप लगे हैं। देश में कहीं भी दंगा होगा है तो पी एफ आई का नाम सामने आता है।

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देश में ऐसी कहीं भी दंगा होता है तो हमेशा राजनीतिक पार्टियों के तथा मीडिया चैनल्स और खुफिया एजेंसी के द्वारा पीएफआई का नाम सामने आता है। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया का नाम इस बार फिर उत्तर प्रदेश में दंगों की साजिश रचने के लिए आया है। उत्तर प्रदेश पुलिस को खुफिया एजेंसी के द्वारा यह पता चला के पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया उत्तर प्रदेश में हाथरस कांड के बहाने जातीय हिंसा और दंगा फैलाने की कोशिश में था। PFI के कई लोग इससे पहले हत्या, दंगों में शामिल होने के कारण गिरफ्तार हो चुके हैं और इस संगठन पर हथियार रखने, उनका प्रशिक्षण देने तथा बम बनाने जैसे गंभीर आरोप भी लगे हैं।

वर्तमान में पी एफ आई का नाम जब हाथरस की घटना के बाद प्रदेश में दंगा फैलाने पर आया तो उसके प्रवक्ता ने इस मामले को आधारहीन बताते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार अपनी नाकामी से ध्यान हटाने के लिए ऐसे बेबुनियाद आरोप लगा रही है। लेकिन इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता क्योंकि पी एफ आई का ऐसे गंभीर आरोपों से पुराना रिश्ता रहा है।

90 के दशक के शुरुआत में राम मंदिर आंदोलन जब चरम पर था और उसी समय अयोध्या में बाबरी मस्जिद को गिरा दिया गया था। इसके बाद देश में सांप्रदायिक दंगे इसी दौरान एक संस्था का गठन हुआ जिसका नाम था नेशनल डेवलपमेंट फ्रंट यानी कि एनडीएफ ! हालांकि इसकी स्थापना मुस्लिम समुदाय पर होने वाले अत्याचारों के खिलाफ लड़ना और समाज के लिए आर्थिक व सामाजिक कल्याण करने के लिए हुई थी। लेकिन धीरे-धीरे यह संगठन हिंदू विरोधी तथा देश में कट्टरता फैलाने और देश में दंगे कराने के आरोपों में फंसता चला गया।

21वी सदी के पहले दशक के शुरुआत में एनडीएफ पर कई गंभीर आरोप लगे। इनमें से सबसे बड़ा मामला 2002 का था जब केरल में 8 हिंदू लड़कों की हत्या कर दी गई थी और इस घटना की जांच हुई तो उसमें एनडीएफ की संलिप्तता भी प्राप्त हुई थी। और एनडीए पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से मिलीभगत के आरोप भी लगे थे। पीएफआई का आकार धीरे-धीरे बड़ा होता चला गया और जैसे जैसे कई लोगों ने से ज्वाइन किया वैसे वैसे यह देश का एक कट्टरवादी संगठन बनकर उभरा। पीएफआई हत्या, लूट, अपहरण, धर्मांतरण सांप्रदायिक नफरत, दंगा फैलाना, दंगे भड़काने, धार्मिक कट्टरता को बढ़ावा देना और लव जिहाद जैसे तमाम आरोपों के साथ पीएफआई संगठन देश की एकता वादी शक्तियों की नजरों में चुभने लगा। 2011 में प्रकाशित हुई वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार पीएफआई से जुड़े लोगों ने केरल में छात्राओं को जींस पहनने पर हिसाब न पहनने पर ईशनिंदा का दोषी ठहराया और उन्हें लगातार धमकी दी।

धार्मिक कट्टरता के बहाने पीएफआई जैसे संगठन लगातार देश की एकता को चुनौती देते रहते हैं। ऐसे संगठनों से देश की एकता और अखंडता अब बड़ा खतरा है। हाथरस के द्वारा उत्तर प्रदेश में दंगा फैलाने के आरोप में जिन चार दोषियों को पकड़ा गया है, वे चारों PFI के सहयोगी संगठन CFI के सदस्य हैं।

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