दिल्ली को अव्यवस्थित रूप से चलाने वाले दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल अभी दिल्ली नहीं संभाल पा रहे हैं, लेकिन पूरे देश में राजनीति करने से बाज भी नहीं आ रहे हैं। दिल्ली के चुनावों को जीतने के पश्चात जब उन्होंने पूरे देश में चुनाव लड़ने का फैसला किया तो उन्हें मुंह की खानी पड़ी। लेकिन अभी भी दिल्ली को छोड़कर वे पूरे देश पर ध्यान दे रहे हैं। राजधानी को वाईफाई से लैस करने का वादा करने वाले अब किसान आंदोलनकारियों को फ्री वाई-फाई देने जा रहे हैं। किसान आंदोलनकारियों को फ्री वाई-फाई देने का वादा आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्ढा की ओर से किया गया है।
एक तरफ प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश को मजबूत करने की कोशिश की जा रही है। वहीं दूसरी तरफ आंदोलन में घुसे कुछ अराजक तत्व देश की व्यवस्थाओं को खराब करने की कोशिश में लगे हैं। आंदोलन के नाम पर पंजाब में 1500 से ज्यादा टेलीकॉम टावरों को तोड़ा गया है, हालांकि किसान संगठनों ने कह दिया है कि हमारा इस प्रकार की प्रक्रियाओं को कोई समर्थन नहीं है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि कुछ लोगों के आंदोलन के लिए कब तक जनता के जीवन से खेला जाता रहेगा? जैसे तैसे करके विद्यालय खुलने का समय आया है अगर ऐसे में इस तरह की आंदोलन शिक्षा के बीच में दीवार बन कर खड़े होंगे तो बच्चों के भविष्य का क्या होगा? केंद्र सरकार की ओर से बार-बार बातचीत का प्रस्ताव देने पर भी यदि किसान नेता मानने को तैयार नहीं है तो क्या इसमें सरकार अपराधी है या फिर किसान नेता चाहते ही नहीं है कि यह आंदोलन समाप्त हो ?