दिल्ली में कोरोना संक्रमण बहुत तेजी के साथ फैल रहा है। दिल्ली सरकार की असफल नीतियों के कारण पूरे प्रदेश में संक्रमण में हाहाकार मचा दिया है। पिछले 24 घंटों में दिल्ली में 25000 कोरोना के नए मामले सामने आए हैं। आज तक चैनल पर दिखाई गई एक रिपोर्ट में यह बताया गया था कि किस तरह से यहां के डॉक्टर और अस्पताल कोरोना संक्रमण को घटाने की बजाय बढ़ाने का काम कर रहे हैं? सैकड़ों की संख्या में लोग को होना की जांच कराने आ रहे हैं और एक ही स्थान पर कोरोना पॉजिटिव और कोरोना नेगेटिव लोगों को अपनी रिपोर्ट का इंतजार करना पड़ रहा है।
कोरोना को लेकर बिगड़ रहे हालात के बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को डिजिटल प्रेस वार्ता की। उन्होंने कहा कि चिंता की बात यह है कि दिल्ली में कोरोना संक्रमण दर 30 फीसद पहुंच गई है। दिल्ली में कोरोना के 25,500 केस सामने आए हैं। दिल्ली में बेड की कमी हो गई है। आईसीयू बेड दिल्ली भर में 100 बचे हैं। आक्सीजन समाप्त होती जा रही है। उन्होंने बताया कि सुबह अमित शाह जी से बात हुई। उनसे मदद मांगी है। केंद्र से मदद मिल रही है। केंद्र से तुरंत आक्सीजन उपलब्ध कराने की मांग की है। दिल्ली में पल पल स्थिति खराब हाे रही है। केंद्र से सात हजार बेड मांगे हैं। हम अपने तौर पर भी छह हजार आक्सीजन बेड अगले कुछ दिनों में तैयार कर देंगे।
सीएम केजरीवाल ने कहा कि सामाजिक संस्थाओं के माध्यम से 3600 बेड का इंतजाम किया जा रहा है। चार दिन के अंदर 6 हजार बेड जुटाए जाएंगे। केंद्र सरकार के दिल्ली में 10 हजार बेड हैं। उनसे बेड मांगे हैं। साथ ही उन्होंने अफसरों के साथ बैठक की और सख्त निर्देश दिए कि कोई भी दवाईयों की कालाबाजारी करता है तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाए। तब इस पूरी घटना से यह सिद्ध हो चुका है कि केजरीवाल सरकार प्रदेश में संक्रमण को रोक पाने में असफल रही है। पिछली बार दो बार ऐसा हुआ जब केजरीवाल सरकार ने खुद दिल्ली से कोरोना संक्रमण को खत्म करने की बात कही लेकिन बाद में गृह मंत्री अमित शाह को धरातल पर उतर कर यह काम करना पड़ा।