कामधेनु दीपावली अभियान – गोबर से बने प्रोडक्ट बनेंगे किसानों की अतिरिक्त आय का साधन, केंद्रीय मत्स्य एवं पशुपालन मंत्री ने क़ी अभियान की शुरुआत

इस बार की दीपावली को कामधेनु दीपावली अभियान के अनुसार मनाया जाएगा। जिसका एकमात्र लक्ष्य गाय के गोबर से बनी मूर्तियों तथा अन्य बस्तियों का प्रयोग कर किसानों और ग्रामीण इलाकों के लोगों को अतिरिक्त आय का साधन प्राप्त कर आना है।

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राष्ट्रीय कामधेनु आयोग के चेयरमैन वल्लभभाई कथीरिया (फोटो-PIB)

राष्ट्रीय कामधेनु आयोग ने इस साल पूरे देश की दीवाली को गौ-माता के रंग में रंगने का निर्णय किया है। इसके तहत इस साल दीपावली पर गाय के गोबर से निर्मित दीयों को जलाने के लिए लोगों को जागरूक किया जाएगा। राष्ट्रीय कामधेनु आयोग का लक्ष्य है कि देश के 11 करोड़ परिवारों के माध्यम से इस वर्ष 33 करोड़ गोबर के दीपक जलाए जाएं। आपको बता दें इसके लिए लाखों परिवारों के माध्यम से गाय के गोबर से दीपकों का निर्माण किया जा रहा है। इसके पहले आयोग ने गोमय गणेश अभियान की शुरुआत की थी जो काफी सफल रही थी। इसी को देखते हुए आयोग ने राष्ट्रीय कामधेनु दीवाली मनाने की योजना बनाई है।

इस अभियान को लेकर केंद्रीय मत्स्य एवं पशुपालन मंत्री श्री पुरुषोत्तम रुपाला की उपस्थिति में आज कामधेनु दीपावली 2021 पर राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया जिसमें भारत के सभी राज्यों के गौ उद्यमियों ने भाग लिया। राष्ट्रीय कामधेनु आयोग के प्रथम अध्यक्ष, पूर्व केंद्रीय मंत्री गौ व्रती डॉ. वल्लभभाई कथीरिया के मार्गदर्शन में 100 करोड़ गोमय दीये प्रज्ज्वलित करने के लिए और गोमय लक्ष्मी गणेश की मूर्ति से घर-घर में दीपावली पूजन सुनिश्चित करने के लिए ‘कामधेनु दीपावली 2021 अभियान’ शुरू किया गया है। भारत के सभी राज्यों में इसके लिए बैठक और प्रशिक्षण का कार्यक्रम आरम्भ कर दिया गया है।

राष्ट्रीय कामधेनु आयोग के चेयरमैन डॉक्टर वल्लभ भाई कथीरिया ने सोमवार को इस अभियान की जानकारी देते हुए कहा कि गायों से जुड़े उत्पादों को संवर्धित कर उन्हें बेचने को प्रोत्साहन देने के लिए आयोग लगातार काम कर रहा है। इससे देश के गौपालकों के जीवन में भारी परिवर्तन लाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि भारत दुग्ध उत्पादन में विश्व में नंबर एक पर होने के बावजूद प्रति व्यक्ति दुग्ध उपलब्धता के मामले में हम आधे पर हैं। उन्होंने कहा कि गाय हमारे किसानों की अर्थव्यवस्था की रीढ़ रहा है। बदले समय में बैलों की उपयोगिता कम हो जाने के कारण किसानों को काफी नुकसान हो रहा है, लेकिन अगर गौ-उत्पादों को संवर्धित कर उन्हें उपयोग में लाया जाए तो इससे न सिर्फ वातावरण शुद्ध होगा, बल्कि किसानों की आय में भी बढ़ोतरी की जा सकेगी। वर्तमान दीपावली का प्रस्ताव इसी योजना को ध्यान में रखकर बनाया गया है।

क्या है राष्ट्रीय कामधेनु आयोग?

राष्ट्रीय कामधेनु आयोग की स्थापना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गाय एवं गौवंश की सुरक्षा, संरक्षण, विकास और पशुपालन कार्यक्रम के उचित दिशा में उत्थान को सुनिश्चित करने के लिए की गयी थी। राष्ट्रीय कामधेनु आयोग स्थायी निकाय है ,जो गोपालन से संबंधित योजनाओं के नीतिनिर्माण एवं क्रियान्वयन को उचित दिशा प्रदान करने के लिए काम करता है।

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