भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कुछ समय पहले ही मोदी कैबिनेट में बड़ा परिवर्तन किया गया था। कई नए चेहरों को इस दौरान मोदी कैबिनेट में जगह मिली थी। तभी से यह कयास लगाए जा रहे थे कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में बीजेपी को दोबारा विजय दिलाने के लिए जल्द ही प्रदेश की कैबिनेट का विस्तार किया जा सकता है। जिसे लेकर बीजेपी के कई बड़े नेताओं ने कई बार प्रदेश का दौरा किया था।
उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और बीएल संतोष से दिल्ली में गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह व प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल के बीच हुई बैठक में कैबिनेट विस्तार और नए मंत्रियों के नाम को लेकर मुहर लग गई है।
2022 के विधानसभा चुनावों को देखते हुए यह माना जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले नेताओं को तथा जातिगत समीकरणों को साधने के लिए बीजेपी पांच से छह मंत्रियों को कैबिनेट में शामिल कर सकती है। बताया जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी के सहयोगी संजय निषाद को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। वहीं दूसरी तरफ ब्राह्मणों को दोबारा भारतीय जनता पार्टी पर विश्वास हो इसीलिए कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आये जितिन प्रसाद तथा भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेई को योगी आदित्यनाथ कैबिनेट में जगह मिल सकती है। आपको बता दें कि लगातार ब्राह्मणों पर अत्याचार की मुद्दों को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरने की कोशिश की है जिसके जवाब में बीजेपी इन दोनों नेताओं को मंत्री बनाकर ब्राह्मण समुदाय में अपने प्रति विश्वास पैदा कर सकती है।
इसके अलावा दलित नेता विद्यासागर सोनकर को भी योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट में उचित स्थान दिया जा सकता है। विद्यासागर पहले से ही विधान परिषद के सदस्य हैं। वहीं दूसरी तरफ जितिन प्रसाद तथा लक्ष्मीकांत बाजपेई को राज्यपाल कोटे से विधान परिषद का सदस्य बनाकर मंत्री बनाया जा सकता है।