कल बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा था कि बिहार में कोई भी दल अपने दम पर सरकार नहीं बना सकता। ऐसा ही नजारा वास्तव में दिख भी रहा है। ऐसा भी माना जा रहा है कि सत्ता में दोबारा से नीतीश कुमार काबिज हो सकते हैं क्योंकि महागठबंधन टूटता हुआ नजर आ रहा है। महागठबंधन का एक बड़ा चेहरा जीतन राम मांझी, जिन्होंने भाजपा के साथ कुछ समय पहले बिहार में सरकार बनाई थी, वे अब दोबारा अपने पुराने साथी नीतीश कुमार के साथ आ सकते हैं। हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी 3 सितंबर 2020 को एनडीए का दामन थाम सकते हैं। यह माना जा रहा है कि हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा जेडीयू में शामिल नहीं होगा बल्कि केवल समर्थन देगा।
हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा कि 3 सितंबर को हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा एनडीए का हिस्सा बनेगी। इसकी घोषणा जीतन राम मांझी खुद करेंगे। ऐसा नहीं है कि हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा पहली बार भाजपा के साथ आया है, इससे पहले भी वह एनडीए के साथ था। लेकिन बाद में आरजेडी के नेतृत्व वाले महागठबंधन के साथ शामिल हो गया। रामविलास पासवान की पार्टी के पास 5% वोट है और जीतन राम मांझी के पास भी 5.5 फ़ीसदी मूसर जाति का वोट है। यानी सीधे तौर पर एनडीए गठबंधन को अच्छा फायदा मिलता दिखाई दे रहा है। सूत्रों के अनुसार यह खबर आ रही है कि वे 15 सीटों की डिमांड कर रहे हैं लेकिन यह माना जा रहा है कि उन्हें 10-12 सीटें दी जा सकती हैं।
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