दिल्ली की सीमाओं पर पिछले 9 महीने से किसानों का आंदोलन चल रहा है। इसी आंदोलन के कारण दिल्ली के विभिन्न बॉर्डर पर किसानों ने अपने टेंट लगा लिए हैं। और किसानों के इसी आंदोलन के चलते दिल्ली के आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों को मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। इस मामले में गुरुवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि किसानों को विरोध करने का अधिकार है लेकिन सड़कों को अनिश्चित काल के लिए अवरुद्ध नहीं किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने सड़कें बंद किए जाने को लेकर किसान संगठनों के जवाब मांगा है। आपको बता दें अब इस पूरे मामले पर 7 दिसंबर 2021 को अगली सुनवाई की जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर कहा है कि किसानों को विरोध करने का अधिकार है, लेकिन सड़कों को अनिश्चित काल के लिए अवरुद्ध नहीं किया जा सकता है। साथ ही कोर्ट ने स्पष्ट किया कि किसान संगठनों के जवाब के बाद यह तय किया जाएगा कि क्या मामला तीन जजों की बेंच को ट्रांसफर किया जाना है? इस पूरे घटनाक्रम को लेकर एक मीडिया कर्मी ने किसान नेता राकेश टिकैत से पूछा क्या सबकुछ हटा देंगे? इस पर उन्होंने कहा है कि हां सब हटा देंगे, इसके बाद दिल्ली जा रहे हैं और पार्लियामेंट पर बैठेंगे, जहां यह कानून बनाया गया है। हमें तो दिल्ली जाना है।
आपको बता दें कि ये सुप्रीम कोर्ट की ओर से यह आदेश एक याचिकाकर्ता की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया गयादरअसल, याचिकाकर्ता ने मांग की थी कि नोएडा से दिल्ली को जोड़ने वाली सड़कें किसान आंदोलन के चलते बंद हैं और किसानों के इस आंदोलन से आम नागरिकों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, इसीलिए जल्द से जल्द इन सभी रास्तों को खोल देना चाहिए।