क्या आप जानते है? भगवान बुद्ध के सिर पर बने हुए बाल असल में 108 स्नेल्स (Snails) है, पढ़िए इससे जुड़ी ये रोचक कथा

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Bole India: facts about gautam buddha

बौद्ध धर्म विश्व के सबसे प्राचीन और सबसे प्रचलित धर्मों में से एक है। आज के समय में पूरे विश्व में बौद्ध धर्म के करोड़ो अनुयायी मौजूद हैं। बौद्ध धर्म की शुरूआत भगवान गौतम बुद्ध (Gautam Buddha) द्वारा की गई थी। भगवान बुद्ध की हज़ारों-लाखों प्रतिमाएं आज पूरे विश्व में प्रसिद्ध है और इनमें से कुछ यूनेस्को वर्ल्ड हेरीटेज साइट की सूची में भी शामिल है। ये सभी प्रतिमाएं अलग-अलग कलाकारों द्वारा बनाई गई है, लेकिन बुद्ध की सभी मूर्तियों में एक बात कॉमन देखने को मिलती है। वह सामान चीज है उनके बाल। गौतम बुद्ध की हर प्रतिमा में आपको घुंघराले बाल (Curly hairs) देखने को मिल जाएंगे। लेकिन क्या आप जानते है, असलियत में बुद्ध के सिर पर जो हमें दिखाई देते है वो उनके बाल नहीं बल्कि ढेर सारे स्नेल (Snails) (घोंघा) है।

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बौद्ध धर्म के त्रिपटक में से विनयपिटक ग्रंथ में बौद्ध भिक्षुओं के बारे में कई दिशानिर्देश दिए गए हैं। उन दिशानिर्देशों के अनुसार आत्मज्ञान की प्राप्ति के लिए आपका तन और मन बिल्कुल पवित्र होना चाहिए। अपने तन की पवित्रता के लिए ही बौद्ध भिक्षु अपने सिर का मुंडन करा लेते हैं। कहा जाता है सिद्धार्थ गौतम ने भी ने राज्य का त्याग करते समय अपना मुंडन करा लिया था। इस बात से साफ जाहिर होता है कि गौतम बुद्ध (Gautam Buddha) भी आज के भिक्षुओं की भांति ही गंजे हुआ करते थे और आज के समय में जो उनकी मूर्तियों के सिर पर आकृति बनाई जाती है वे उनके बाल नहीं है।

सिर पर स्नेल आने की कथा

पौराणिक कथाओं के अनुसार एक समय गौतम बुद्ध पेड़ के नीचे बैठकर ध्यानमग्न थे। वे अपनी साधना में इतने ज्यादा लीन हो गए थे कि उन्हें बाहर की दुनिया के बारे में कोई सुध-बुध नहीं रही। उस दौरान गर्मी का मौसम था और सूरज ठीक उनके सिर पर मौजूद था। जिस समय वे कड़ी तपस्या में मग्न थे, उसी दौरान एक स्नेल उनके पास से गुजर रहा था। भगवान बुद्ध के प्रताप को देखकर स्नेल वहीं रुक गया और सोचने लगा की इनती गर्मी में ये किस प्रकार साधना में लीन है। इनके सिर पर तो बाल भी नहीं है, ऐसे में इन महात्मा को अधिक गर्मी लग रही होगी।

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यह बात विचार करते हुए वह स्नेल गौतम बुद्ध के शरीर पर रेंगता हुए उनके सिर पर पहुंच गया। उसने सोचा अगर मैं उनके सिर पर रहूंगा तो उन्हें गर्मी का अहसास कम होगा। जैसा कि आप जानते ही होंगे कि स्नेल का शरीर थोड़ा लचीला और नमी वाला होता है। स्नेल को पकड़ने से ठंडक का अहसास भी होता है। एक स्नेल को ऐसा करते देख कई स्नेल उसके पीछे-पीछे गौतम बुद्ध (Gautam Buddha) के सिर पर चढ़ गए। कुल मिलाकर 108 स्नेल ने बुद्ध के सिर को पूरी तरह से कवर कर लिया था। भगवान बुद्ध को आत्मज्ञान की प्राप्ति में उन 108 स्नेल्स का अहम योगदान माना जाता है, जिन्होंने अपनी जान देकर उन्हें गर्मी से बचाने में मदद की थी।

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उन 108 स्नेल्स की स्मृति में ही भगवान बुद्ध की मूर्तियों के सिर पर आज घुंघराले बाल जैसी आकृति बनाई जाती है। वहीं कुछ लोग इस कहानी को सत्य नहीं मानते। उनके अनुसार भगवान बुद्ध की मूर्तियों के ऊपर वास्तव में बाल ही बने है। वन में विहार करते समय गौतम बुद्ध के बाल बढ़ गए थे और उन्हीं बालों के साथ वे तपस्या करने लग गए थे। तपस्या करने के दौरान अधिक गर्मी से उनके सिर के बाल जल गए और वे घुंघराले आकार के हो गए। आज भी विश्व के कई गर्म इलाकों में लोगों के बाल जलकर घुंघराले हो जाते है। इसी आधार पर भगवान बुद्ध के बाल घुंघराले बनाए जाते हैं।

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