भारतीय कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) ने दिनेश कार्तिक को दिए एक साक्षात्कार में अपने क्रिकेट करियर से जुड़ी कई बातों का खुलासा किया है। 2014 में इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के उतार-चढ़ाव भरे दौरे के बीच महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) की मदद मांगी थी जिसके बाद वह मिचेल जॉनसन जैसे गेंदबाजों का सामना करने के लिये ‘पूरी तरह से निर्भीक’ बन गये थे। सोनी सिक्स पर दिखाए गए इंटरव्यू में कोहली के ‘स्काई स्पोर्ट्स’ को कहा, ‘लंबे समय तक इस स्तर पर खेलते हुए आप थोड़े असुरक्षित और भयभीत हो जाते हो, आप लोगों को साबित करना चाहते हो कि आप अलग-अलग परिस्थितियों में कितना अच्छा खेलते हो।’
उन्होंने कहा, ‘ईमानदारी से कहूं तो ऑस्ट्रेलिया दौरे से पहले मैं हर विदेशी दौरे को इंजीनियरिंग की परीक्षा के जैसे ले रहा था कि मुझे किसी तरह से पास होना है और मुझे लोगों को दिखाना है कि मैं भी इस स्तर पर खेल सकता हूँ।‘ कोहली ने कहा कि उस ब्रेक के दौरान उन्हें नहीं पता कि कौन उनके शुभचिंतक थे और कौन नहीं? उन्होंने कहा, ‘जब आपका खराब दौर होता है तो कोई भी आपकी मदद नहीं करेगा।‘ तो उनके पास बस एक ही विकल्प था मेहनत करते रहना। कोहली ने कहा, ‘इसलिये मैं घर गया, मैं थोड़ा निराश था, लेकिन उस समय एक अच्छी चीज हुई, मुझे महसूस हुआ कि कौन मेरे साथ है और कौन नहीं। ‘ उन्होंने कहा कि उनके अभ्यास सत्र में उन्होंने यह सोचकर अभ्यास किया कि वह पूर्व ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज मिचेल जॉनसन का सामना कैसे करेंगे जो उस समय अपनी बेहतरीन फॉर्म में थे।