कांग्रेस का अभी एक संकट खत्म नहीं हुआ था उसके बाद अब कांग्रेस के सामने फिर संकट खड़े होने लगे। सोमवार को कांग्रेस वर्किंग कमेटी की मीटिंग हुई जिसमें सोनिया गांधी ने अंतरिम अध्यक्ष का पद छोड़ने की पेशकश की। इसी मीटिंग में सोनिया गांधी के बेटे राहुल गांधी ने पार्टी नेताओं पर ही आरोप लगाया कि करीब 15 दिन पहले पार्टी के 23 नेताओं ने सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर कहा था कि भाजपा लगातार आगे बढ़ रही है। पिछले चुनावों में युवाओं ने डटकर नरेंद्र मोदी को वोट दिया। कांग्रेस में लीडरशिप फुल टाइम होनी चाहिए और उसका असर भी दिखना चाहिए।
इस पूरे मामले पर राहुल गांधी ने कहा, ” सोनिया गांधी जब हॉस्पिटल में भर्ती थी उसी वक्त पार्टी लीडरशिप को लेकर लेटर क्यों भेजा गया पार्टी लीडरशिप में बदलाव की मांग का लेटर भाजपा की मिलीभगत से लिखा गया है। “
इस पूरे मामले को आधा घंटा भी नहीं बीता था। इस पर पूर्व मंत्री कपिल सिब्बल ने ट्वीट किया,” हमने राजस्थान हाई कोर्ट में कांग्रेस पार्टी का केस कामयाबी से लड़ा था। बीते 30 साल में कभी भी किसी भी मुद्दे पर भाजपा के पक्ष में बयान नहीं दिया। फिर भी हम भाजपा के साथ मिलीभगत में है। ” हालांकि उन्होंने कुछ समय बाद इस ट्वीट को डिलीट कर दिया।
Was informed by Rahul Gandhi personally that he never said what was attributed to him .
— Kapil Sibal (@KapilSibal) August 24, 2020
I therefore withdraw my tweet .
थोड़ी देर बाद राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, “अगर भाजपा से मेरी मिलीभगत साबित होती है तो मैं इस्तीफा दे दूंगा। इस पूरे मामले पर मध्य प्रदेश के मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस में अध्यक्ष पद के लिए कई योग्य उम्मीदवार हैं इनमें राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, रेहान वाड्रा और मिराया वाड्रा शामिल है। कार्यकर्ताओं को यह समझना चाहिए कॉन्ग्रेस उस स्कूल की तरह है जिसमें सिर्फ हेड मास्टर के बच्चे ही क्लास टॉप करते हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस मामले पर तंज करते हुए कहा, ” कांग्रेस में सही बात करने वाला गद्दार होता है और तलवे चाटने वाला कांग्रेस वफादार होता है जब पार्टी की यह स्थिति हो जाए तो उसे कोई नहीं बच सकता। “