हैदराबाद के नगर निगम चुनाव समाप्त हो चुके हैं। भारतीय जनता पार्टी और ओवैसी की ए आई एम आई एम पार्टी को बड़ा फायदा हुआ है। वहीं सत्ताधारी पार्टी को नुकसान भी हुआ है। हम आपको बता दे भारतीय जनता पार्टी को इस चुनाव में 48 सीटें मिली,लेकिन भारतीय जनता पार्टी को जो वोट बैंक हासिल हुआ है उसने टीआरएस की चिंता बढ़ा दी है। वोट प्रतिशत के मामले में भारतीय जनता पार्टी सत्ताधारी पार्टी टीआरएस से केवल 0.25 प्रतिशत पीछे हैं।अगर हम संक्षेप में बात करें तो यदि भारतीय जनता पार्टी को 8500 वोट और मिले होते तो भारतीय जनता पार्टी हैदराबाद नगर निकाय चुनाव में नंबर वन पार्टी बनकर उभरती। भारतीय जनता पार्टी का 2016 के नगर निगम चुनाव में महज 10.34 प्रतिशत था, जो 2020 में बढ़कर 34.56 प्रतिशत पर पहुंच गया। यही कारण है कि बीजेपी चार सीटों से छलांग लगातर 48 तक पहुंच गई।
2016 के नगर निगम चुनाव में टीआरएस को 14,68, 618 वोट मिले थे वही, 2020 के नगर निगम चुनाव में टीआरएस को 12,04,167 वोट मिले। वहीं भारतीय जनता पार्टी को 2016 में 3,46,253 वोट मिले थे वहीं 2020 के नगर निगम चुनाव में भाजपा को 11,95,771 वोट मिले! असदुदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन, जो अपने नंबरों पर कब्जा करने में कामयाब रही, वास्तव में उसका वोट शेयर 2016 में 15.85% से बढ़कर 18.28% हो गया है।
हैदराबाद की इस जीत ने भारतीय जनता पार्टी का मनोबल बढ़ा दिया है और अब यह माना जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी अपना दबदबा दक्षिण भारत में भी कायम करने में सफल रहेगी,वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी शून्य की ओर निरंतर चलती जा रही है।