यदि आप लीची की खेती करते हैं तो आपके लिए यह लेख बहुत ही उपयोगी हो सकता है। अब आप लीची के छिलकों और पत्तियों का उपयोग अपने खेत की मिट्टी की उत्पादन क्षमता को बढ़ाने में कर सकते हैं। मुसहरी स्थित राष्ट्रीय लीची अनुसंधान में पिछले दो महीनों से एक शोध चल रहा था। जिस शोध में यह बताया गया कि यदि आप लीची की पत्तियों और लीची के छिलकों से तैयार वर्मी कंपोस्ट को अपने खेत में प्रयोग करेंगे तो आपके मिट्टी की उत्पादन क्षमता तो बढ़ेगी ही, साथ ही साथ आप की पैदावार में भी अधिक उन्नति होगी। अनुसंधान केंद्र के पास अपने 5 हेक्टेयर में लीची के पेड़ हैं।
राष्ट्रीय लीची अनुसंधान के निदेशक डॉ विशाल नाथ ने बताया कि लीची की पत्तियों और उनके छिलकों में नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश और प्रोटीन जैसे तत्व अधिक मात्रा में पाए जाते हैं जो कि किसी भी पैदावार के लिए बहुत लाभदायक होते हैं। इस शोध से पहले लीची के इन पत्तों और छिलकों को फेंक दिया जाता था लेकिन अब अनुसंधान की मदद से इनसे वर्मी कंपोस्ट तैयार किया जा सकेगा।
पिछले साल यहां से मिले 5 टन लीची की पत्तियों और लीची के छिलकों से लगभग डेढ़ टन वर्मी कंपोस्ट तैयार किया गया था। इस वर्मी कंपोस्ट को तैयार करने में केंद्र को 4 महीने का समय लगा था लेकिन इसके परिणाम आश्चर्यजनक मिले। जब इस वर्मी कंपोस्ट का प्रयोग 4 हेक्टेयर की पैदावार में किया गया तो यह देखा गया अन्य कम्पोस्ट की तुलना में इससे पैदावार में 15% अधिक वृद्धि हुई और इसके साथ ही खेत की मिट्टी की उत्पादन क्षमता भी बढ़ गई तथा उस में पोषक तत्वों की मात्रा भी अधिक हो गई।