योगी सरकार के द्वारा किस तरह किया जाएगा अयोध्या का विकास, प्रदेश सरकार के विजन डॉक्यूमेंट में हुआ संशोधन

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Ayodhya: ram mandir: Bole India

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सुझावों पर राज्य सरकार अयोध्या के विकास मॉडल में बड़ा परिवर्तन करने जा रही है। पीएम के सुझाव के आधार पर अयोध्या को धार्मिक नगरी के साथ ही इस तरह से सुसज्जित और व्यवस्थित किया जाएगा जिसमें मिनी भारत की छवि दिखाई देगी। प्रधानमंत्री के सुझाव पर अयोध्या विजन 2051 को अयोध्या विजन 2047 किया जा रहा है। अयोध्या केस विकास मॉडल को स्वतंत्रता के 100 वर्षों के साथ जोड़ा जा रहा है। अयोध्या को मिनी भारत के रूप में प्रोजेक्ट किया जाएगा। यहां पर पूरे देश का प्रतिनिधित्व होगा। यह समग्र भारत को प्रदर्शित करेगा, जिससे वर्तमान संरचना में भी रामायणकालीन प्रेरक प्रसंग की अनुभूति हो सकेगी। चौराहों का विकास और नामकरण अध्यात्मिकता को समावेशित कर अयोध्या की पृष्ठ भूमि को परिलक्षित किया जाएगा। अयोध्या में चार से छह माह में पब्लिक यूटीलिटि यानी शौचालय व विश्राम स्थल की व्यवस्था की जाएगी, जिससे अभी आने वाले श्रद्धालुओं को सुविधा मिल सके।

प्रधानमंत्री की ओर से यह सुझाव दिया गया है कि अयोध्या विकास के लिए नियमों में अगर संशोधन की जरूरत हो तो किया जाए लेकिन पर्यटन को कोई भी असुविधा नहीं होनी चाहिए। सड़कों के किनारे छोटे-छोटे होटल और धर्मशाला बनाने की बात भी सामने आई है। अयोध्या के लिए डिजिटल टूरिस्ट गाइड भी बनाने को कहा गया है। इससे पर्यटक अयोध्या व यहां उपलब्ध सुविधाओं, विशेष स्थलों के बारे में आसानी से जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। यह काम तुरंत किया जा सकता है। अयोध्या विकास का मॉडल अभी ढांचागत सुविधाओं पर आधारित है। इसमें आत्मा कैसे आए इस पर भी विचार करने का सुझाव दिया गया है।

यह भी सुझाव PM ने दिए हैं

  • वर्ष 2047 में कैसी अयोध्या होगी इसका मॉडल प्रदर्शित किया जाए?
  • भावना, आस्था के साथ 21वीं सदी के एक आधुनिक शहर बसाएं
  • 108 कुंड बनाने के लिए देशव्यापी प्रतियोगिता आयोजित की जाए।
  • इसमें देशभर के आर्कीटेक्ट, छात्रों व डिजायनरों को शामिल किया जाए।
  • बेहतर डिजायन करने वालों को पुरस्कृत भी किया जाए।
  • अलग-अलग राज्यों से फाइन आर्टस के छात्रों को भी बुलाया जाए।
  • संगीत और नाट्य के क्षेत्र में भी विकास पर ध्यान दिया जाए। स्कूलों में रामायण आधारित प्रसंगों जैसे त्याग, वीरता, मातृ-पितृ भक्ति आदि नाटक का मंचन कराया जाए।
  • अयोध्या विषय पर साल में एक बार बहुभाषीय कवि सम्मेलन भी आयोजित किया।
  • मंदिर प्रांगण के आसपास नो व्हीकल जोन विकसित किया जाए।

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