मध्य प्रदेश के सबसे बड़े ब्लैकमेलिंग मामला हनीट्रैप की जांच के लिए बनाई गई एसआईटी के प्रमुख बार-बार बदलने और सीबीआई की जाँच की मांग को लेकर आज कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान मप्र हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने एसआईटी का प्रमुख बार-बार बदलने को लेकर राज्य सरकार को फटकार लगाई। साथ ही कोर्ट ने सरकार से एसआईटी प्रमुख बदलने के कारण का जवाब भी माँगा, लेकिन सरकार कोई जवाब नहीं दे पाई। इसके अलावा राज्य सरकार द्वारा हनी ट्रैप मामले की प्रोग्रेस रिपोर्ट भी कोर्ट में पेश नहीं की गई। इस पर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए अगली सुनवाई तक एसआईटी प्रमुख को बदलने का कारण और मामले की जांच प्रोग्रेस रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए। अब इस मामले की अगली सुनवाई 2 दिसंबर को होगी।
गौरतलब है कि सरकार ने हनीट्रैप की जांच के लिए एक एसआईटी बनाई थी, जिसमें आईपीएस डी. श्रीनिवास वर्मा को प्रमुख बनाया था, लेकिन बाद में उन्होंने खुद ही इस पद से इस्तीफा दे दिया था। इनकी जगह सीनियर आईपीएस संजीव शमी को रखा गया। उनके हटने के बाद प्रदेश के सीनियर आईपीएस राजेंद्र कुमार को जिम्मेदारी सौंपी गई।