प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के कार्यकाल से पहले लगातार यह देखा जाता था कि जम्मू-कश्मीर के युवक और युवतियां देश के सैन्य बलों पर पत्थर फेंकते थे। यानी कि भारत की सेना जिन लोगों की सुरक्षा के लिए जम्मू-कश्मीर में तैनात होती थी वहां की आवाम उन्हीं पर पत्थर मारा करते थे। लेकिन जब से देश में प्रधानमंत्री मोदी की सरकार आई है और जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाया गया है तबसे घाटी की स्थिति बदलती हुई दिखाई दे रही है। इसी बीच केंद्र सरकार के द्वारा कश्मीर में पत्थरबाजों और देशद्रोहियों के खिलाफ एक बड़ा ऐलान कर दिया गया है। जम्मू-कश्मीर सरकार ने पत्थरबाजों और देश विरोधी गतिविधियों में शामिल रहने वाले लोगों पर नकेस कसने के लिए एक नया आदेश जारी किया है, जिसके तहत ऐसे लोगों को ना तो सरकारी नौकरी दी जाएगी और न ही उनका पासपोर्ट बन पाएगा। मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पत्थरबाजों और राज्य और राष्ट्र की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने वाली गतिविधियों शामिल रहने वाले लोगों को अब विदेश जाने का मौका नहीं मिलेगा।
अंग्रेजी वेबसाइट न्यूज-18 की खबर के अनुसार, जम्मू-कश्मीर सरकार ने रविवार को ‘देशद्रोही’ और पथराव करने वालों पर एक बड़ी कार्रवाई करते हुए पासपोर्ट मंजूरी पर रोक लगाने, सरकारी नौकरियों का कोई प्रावधान नहीं करने और अन्य प्रतिबंधों वाले आदेश जारी किए। शीर्ष सरकारी अधिकारियों ने अंग्रेजी वेबसाइट को बताया है कि सीआईडी की विशेष शाखा कश्मीर ने सभी इकाइयों और अधिकारियों को इस संबंध में एक आदेश जारी किया है। साथ ही ये भी कहा है जब किसी व्यक्ति की जांच करते हुए उसकी सुरक्षा मंजूरी की रिपोर्ट तैयार करते हैं, तो उस समय यह जरूर ध्यान रखें कि संबधित व्यक्ति किसी भी तरह से पत्थरबाजी, राज्य व राष्ट्र की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने वाली गतिविधियों, कानून व्यवस्था भंग करने में लिप्त न रहा हो।