रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बृहस्पतिवार को कहा है, “अप्रैल-जून तिमाही में 23.9 फ़ीसदी की रिकॉर्ड गिरावट झेल चुकी अर्थव्यवस्था में उम्मीद से भी ज्यादा तेजी से सुधार हो रहा है ।” भारतीय विदेश मुद्रा विनियम कारोबारी संघ के वार्षिक समारोह में शक्तिकांत दास ने कहा है, ” त्यौहारी सीजन से पहले ही मांग और खपत ने गति पकड़ ली है। बावजूद इसके त्यौहारों बाद बाजार पर नजर बनाए रखनी होगी। पिछले कुछ दिनों से कोविड-19 संक्रमण के मामले दोबारा बढ़ने शुरू हुए हैं इस कारण अर्थव्यवस्था पर दबाव बढ़ता जा रहा है।” उनका कहना है, ” दुनिया के सबसे लंबे लॉकडाउन में जकड़ी जीडीपी की रफ्तार पहली तिमाही में रिकॉर्ड से चली गई थी। इसके बाद मांग, खपत, निर्यात,उत्पादन सहित पीएमआई में तेजी से वृद्धि हुई जिस कारण अर्थव्यवस्था भी अपनी राह पर धीरे-धीरे लौट रही है। उम्मीद ने भी लगाई जा रही है कि जुलाई सितंबर की दूसरी तिमाही में विकास दर की गिरावट काफी कम हो जाएगी हालांकि 2020 में विकास दर शून्य से 9.5 फीसदी नीचे रहने का अनुमान लगाया जा रहा है।”
उनका कहना है, “अगले साल फरवरी में आम बजट पेश करने से पहले सरकार आर्थिक मोर्चे पर कई और सुधार लागू कर सकती है। साथ ही राहत पैकेज भी जारी किया जा सकता है।” वित्त मंत्रालय के सलाहकार के द्वारा यह बताया गया है कि बजट से पहले कई और बड़े सुधार लागू किए जा सकते हैं। इसके अलावा राहत पैकेज पर विचार भी किया जा रहा है इससे अर्थव्यवस्था को नए वित्त वर्ष में तेजी की राह पकड़ने में मदद मिलेगी। गवर्नर दास का कहना है, ” पिछले कई महीनों से खुदरा महंगाई और हमारे अनुमानित दायरे से ऊपर चल रही है। बढ़ती कीमतों के दबाव से निपटने के लिए दरें निर्धारित करने वाला पैनल लगातार रणनीति बनाने में लगा हुआ है। अगर महंगाई काबू में नहीं आती है तो चालू वित्त वर्ष में नीतिगत दरें स्थाई बनाए रखनी होंगी। गवर्नर ने यह भी कहा है कि रिजर्व कोष को लेकर हमें चिंता करने की आवश्यकता नहीं है।”
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