पढ़े लिखे शातिर ठग तो अक्सर लाेगों काे चूना लगाने के लिए नए नए तरीके इजाद करते हैं। लेकिन अगर कोई पांचवी पास ठग, ठगी का शिकार बनाए तो क्या हो। वो भी किसी आम आदमी को नहीं बल्कि पुलिस के आला अधिकारियों को। ऐसा ही कांड करने वाले एक आरोपित को पुलिस ने पंजाब के फाजिल्कां के कस्बा जलालाबाद से धर दबोचा है। पांचवीं पास हरिचंद उर्फ बंटी चार राज्यों के आइपीएस अधिकारियों के लिए पिछले छह माह से सिरदर्द बना हुआ था। वह अधिकारियों को कॉल करके करोड़ों रुपये की हेरोइन पकड़वाने की फर्जी मुखबरी देकर रुपये ऐंठ रहा था। पुलिस के मुताबिक पांचवीं पास ठग हरिचंद उर्फ बंटी किसी भी पुलिस अधिकारी को कॉल करके कहता था कि वह बड़ी मात्रा में नशा पकड़वा सकता है। वह संबंधित वाहन का पीछा कर रहा है। पहले गाड़ी का किराया मांगता या मोबाइल रिचार्ज करवाने का आग्रह करता, इसलिए वह अकाउंट नंबर भेजकर पैसे की मांग करता। इस तरह उसने पुलिस अधिकारियों से 1300 से 5000 रुपए तक अकाउंट में ट्रांसफर करवाए थे। बेशक पांचवीं पास है, लेकिन तकनीक का माहिर है। गूगल या अन्य संसाधनों के सहारे वह अपनी लोकेशन ब्लॉक कर देता था, ताकि सामने वाले को लगे कि वह तस्करों का पीछा कर रहा है।
हरिचंद उर्फ बंटी अभी तक बिहार पुलिस प्रमुख सहित हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश के दर्जन भर पुलिस अधिकारियों को अपनी ठगी का शिकार बना चुका है। इस बार उसके निशान पर डीआइजी कम एसएसपी सिरसा समेत डीएसपी डबवाली थे। वह तीनों अधिकारियों को कई बार कॉल कर चुका था। अधिकारियों को ठगने के लिए वह जलालाबाद से ट्रक में बैठकर डबवाली पहुंचा था। पुलिस ने उसे गांव डबवाली बस अड्डे से धर दबोचा और उसका मोबाइल चेक किया तो देशभर के पुलिस अधिकारियों के मोबाइल नंबर मिले। वाट्सऐप्प पर अधिकारियों को दिया गया बैंक अकाउंट मिला, जिसमें वह पैसा ट्रांसफर करवाता था। बैंक अकाउंट जलालाबाद के एक दुकानदार का है। दुकानदार के खाते में 1000 रुपये आते थे तो बंटी रुपए लेते समय उसे 40 रुपए कमीशन देता था।
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