संक्रमण की दूसरी लहर जिस तरह से थम रही है, उसे देखकर लगता है कि अब भारत राहत की सांस लेने वाला है। लेकिन वहीं दूसरी तरफ किसानों के नाम पर राजनीति करने वाले राजनेता अब एक बार फिर देश में आंदोलन का माहौल बनाने की तैयारी कर रहे हैं। किसान नेता राकेश टिकैत 2022 में भारतीय जनता पार्टी की सरकार को उत्तर प्रदेश से हटाने के सभी प्रयास कर रहे हैं। ममता बनर्जी को समर्थन दे उन्होंने किसान आंदोलन को राजनीतिक आंदोलन सूचित कर ही दिया है लेकिन अब उत्तर प्रदेश में राकेश टिकैत अपना पूरा दखल दिखाने की कोशिश में है। भारतीय किसान यूनियन के राकेश टिकैत का कहना है कि ये रिहर्सल इसलिए हो रही है कि 26 तारीख नजदीक है, किसान 26 तारीख को कभी नहीं भूलेगा। हर महीने 26 तारीख आएगी, किसान ट्रैक्टरों की रिहर्सल करेगा।
राकेश टिकैत ने कहा कि ट्रैक्टर दिल्ली का रास्ता न भूल जाएं इसलिए इनकी रिहर्सल करनी पड़ती है। हमें उम्मीद है कि सरकार बात करेगी। नहीं बातचीत करेगी तो अगला कदम उठाएंगे। किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि ये आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक भारत सरकार कानून वापस नहीं लेगी और MSP पर कानून नहीं बनाएगी।
आप सभी को याद होगा 26 जनवरी 2021 के दिन किसानों ने अपनी ताकत दिखाने के लिए देश की राजधानी में ट्रैक्टर रैली का आयोजन किया था। लेकिन यह आयोजन किसान नेताओं के बसके बाहर चला गया और पूरी दिल्ली में जमकर हिंसा देखने को मिली। जहां 26 जनवरी 2021 से पहले सभी लोग स्वयं को किसान नेता बताने से पीछे नहीं हट रहे थे। कहीं किस घटना के बाद किसान नेताओं ने अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया था। उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में राकेश टिकैत का यह राजनीतिक कदम क्या भारतीय जनता पार्टी के लिए, नुकसानदायक होगा? या फिर भारतीय जनता पार्टी समय रहते हुए किसानों को अपने पाले में कर लेगी? इसका निर्णय भविष्य में देखने को मिलेगा…