लगातार किसानों के कुछ संगठन और उन संगठनों के कुछ नेता देश के माहौल को बिगाड़ने का काम कर रहे हैं। पहले यह बात सामने आई थी कि कई संगठन तो यह चाहते ही नहीं है कि आंदोलन समाप्त हो इसीलिए उनकी मांगे प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। कुछ किसान संगठनों ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा लाए गए इन कृषि संशोधन अधिनियम ओं का समर्थन कर दिया है। कुछ किसान संगठनों ने इस आंदोलन से खुद को वापस ले लिया है। वहीं कुछ नेता लगातार प्रदेश का और भारत का माहौल बिगाड़ने का काम कर रहे हैं। नागपुर के एक तथाकथित किसान नेता अरुण ने मुलताई और इटारसी में विवादित बयान देते हुए कहा कि अगर किसानों पर गोली चलाई गई तो हम सरसंघचालक मोहन भागवत के साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का ऑफिस उखाड़ फेंकगे!
इस किसान नेता का वीडियो सोशल मीडिया पर बहुत तेजी से वायरल हो रहा है और ऐसा नहीं है कि किसी बंद कमरे में या किसी छोटी मीटिंग में इसने यह बयान दिया हो बल्कि खुले मंच से इसने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को धमकी दी है। कितनी बड़ी विडंबना है कि लाखों बच्चों को निशुल्क पढ़ाने वाले, करोड़ों लोगों के लिए रोजगार का साधन बनने वाले, धर्म और राष्ट्रीयता से लोगों को जोड़ने वाले संगठन को उखाड़ फेंकने की बात हमारे ही देश के लोग करते हैं? लेकिन यह लोग नहीं जानते कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक इनके जन्म से पहले बना है और इनकी मृत्यु के बाद तक रहेगा।