संकट के समय में भी राजनीति कर रहे हैं दिल्ली के सीएम, हाईकोर्ट ने लगाई दिल्ली सरकार को फटकार

दिल्ली में कोरोना संक्रमण का क्या प्रभाव है यह सभी जानते हैं। लेकिन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल लगातार दिल्ली के हालातों को सुधारने की बजाय केंद्र सरकार पर निशाना साध रहे हैं। बार-बार हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया जा रहा है और हाई कोर्ट के द्वारा भी कई बार फटकार अरविंद केजरीवाल को लगाई जा चुकी है।

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23 अप्रैल 2021 को जो बैठक हुई उसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सभी प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों से मदद की आशा लगा रहे थे और प्रधानमंत्री से भी मदद करने की बात कर रहे थे। हालांकि ऑक्सीजन का रोना रोने वाले अरविंद केजरीवाल की इस राजनैतिक प्रवृत्ति का खुलासा करने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया कि केंद्र सरकार के द्वारा केजरीवाल सरकार को दिसंबर के महीने में ही ऑक्सीजन के लिए उचित राशि मुहैया कराई गई थी। केंद्र सरकार ने यह राशि दिल्ली में आठ ऑक्सीजन के प्लांट लगाने के लिए मुहैया कराई थी। लेकिन अभी तक केवल एक प्लांट ही दिल्ली में बनाया गया है।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने इस मामले पर केजरीवाल सरकार को फटकार लगाई है और कहा है कि सरकार के कुप्रशासन और अक्षमता के कारण आज राजधानी में ऑक्सीजन का संकट उत्पन्न हुआ है। न्यायालय ने सरकार से यह प्रश्न भी किया है कि केंद्र सरकार द्वारा फंड दिए जाने के बाद भी केजरीवाल सरकार अब तक मात्र एक PSA ऑक्सीजन प्लांट क्यों स्थापित कर पाई है?

न्यायालय के आदेश में कहा गया है कि केंद्र सरकार के अधिकारी निपुण विनायक ने बताया कि दिल्ली में सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र अस्पताल और वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज एवं सफ़दरगंज अस्पताल में अभी तक PSA ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना हेतु साइट क्लियरेन्स नहीं दिया गया है। दो अस्पतालों में साइट क्लियरेन्स का काम पूरा हो गया है जहाँ 30 अप्रैल तक ऑक्सीजन संयंत्र के उपकरण स्थापित कर दिए जाएँगे। राज्य के बाकी अस्पताल भी केंद्र की योजनाओं के साथ सामंजस्य बैठाकर कार्य करें और अगली सुनवाई में इसकी रिपोर्ट न्यायालय को सौंपी जाए।

चाहे भीख मांगो या चोरी करो, लेकिन लोगों को ऑक्सीजन दो : हाई कोर्ट दिल्ली

पटपड़गंज का मैक्स अस्पताल ऑक्सीजन की भारी कमी को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट पहुंचा था। जिस पर न्यायालय ने तत्काल सुनवाई की थी। न्यायालय ने केंद्र को कहा था कि चाहे भीख माँगनी पड़े या चोरी करनी पड़ जाए लेकिन चिकित्सा उद्देश्यों के लिए ऑक्सीजन की आपूर्ति की जानी चाहिए। न्यायालय ने यह भी कहा था कि यदि उद्योगों से ऑक्सीजन खरीदने से वो उद्योग बंद होते हैं तो उन्हें बंद हो जाने दीजिए लेकिन लोगों की जान ज्यादा कीमती है।

अरविंद केजरीवाल का पकड़ा गया झूठ

प्रधानमंत्री के साथ हुई बैठक में केजरीवाल ने भारतीय रेलवे की ऑक्सीजन एक्सप्रेस का मुद्दा उठाया लेकिन भारतीय रेलवे ने भी यह बयान जारी किया है कि दिल्ली सरकार ने फिलहाल इस मुद्दे पर उनसे कोई भी चर्चा नहीं की है।

रेलवे के द्वारा जारी बयान में बताया गया है कि महाराष्ट्र की सरकार ने 15 अप्रैल को रेल मंत्रालय से रेल के द्वारा लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन के परिवहन की संभावनाओं पर चर्चा की थी जिस पर विचार करते हुए रेलवे ने एक विस्तृत प्लान तैयार किया और 19 अप्रैल को पहली ऑक्सीजन एक्सप्रेस विशाखापट्टनम से मुंबई के लिए रवाना हुई। ऑक्सीजन के टैंकरों को उतारने और चढ़ाने के लिए रेलवे ने मात्र 24 घंटों में रैम्प का निर्माण करवाया। रेलवे के द्वारा बताया गया कि एक्सप्रेस के चलने के बाद कई और प्रदेशों ने भी ऑक्सीजन के लिए रेलवे विभाग में अपनी सहमति जताई है जिनमें आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश जैसे राज्य शामिल हैं। लेकिन दिल्ली सरकार के द्वारा ऐसा कोई भी प्रस्ताव रेलवे के लिए नहीं भेजा गया।

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