नई दिल्ली | आर्मी की लाइब्रेरी से किताब चोरी करने के मामलें में गिरफ्तार किए गए पूर्व आर्मी ऑफिसर को दिल्ली की तिहाड़ जेल में बन्द किया गया था। ऑफ़िसर की मौत पर उनके परिजनों ने शंका जतायी है।
दरसल, सेना की पैराशूट रेजिमेंट में कैप्टन रह चुके 65 साल के मुकेश चोपड़ा को 2 नवंबर को चीन के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था। उनसे दिल्ली पुलिस, आईबी, रॉ और मिलिट्री इंटेलिजेंस के अफसरों ने लंबी पूछताछ की। बाद में दिल्ली पुलिस ने मुकेश चोपड़ा को दिल्ली कैंट के आर्मी कैम्पस में बने मानेकशॉ सेंटर की लाइब्रेरी से भारत और चीन से जुड़े साहित्य की 5 किताबें चोरी करने के आरोप में 2 नवंबर को गिरफ्तार कर लिया गया था। मगर तिहाड़ जेल जाते ही उनकी रहस्यमयी हालत में मौत हो गई थी। अब अफसर के परिजन आरोप लगा रहे हैं कि उनकी हत्या कराई गई है।
तिहाड़ जेल प्रशासन की माने तो मुकेश चोपड़ा ने सीढ़ियों से कूदकर आत्महत्या कर ली है। जबकि घरवाले कह रहे हैं कि उनकी हत्या की गई है। इसके साथ ही पुलिस की मानें तो मुकेश चोपड़ा को आर्मी से निकाला गया था।
इस पर घरवालों का कहना है कि नौकरी के दौरान उनसे एक कैमरा गायब हो गया था जिसके लिए उन्हें सेना ने 1983 में नौकरी से निकाल दिया था। लेकिन जासूसी की बात सही नहीं है।
कैप्टन मुकेश चोपड़ा 1998 से कनाडा में रह रहे थे। उनके पास अमेरिकी नागरिकता भी है। जाँच एजेंसियों द्वारा बताया गया है कि मुकेश चोपड़ा के पास करोडों रुपये की एफडी थी। इसके साथ ही वह मोबाइल पर किसी चैटिंग एप के ज़रिए चीनी व्यक्ति के लगातार सम्पर्क में थे। उनको रिमांड पर लेकर पूछताछ की जानी थी लेकिन इससे पहले ही संदिग्ध परिस्थितियों में उसकी मौत हो गयी।
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