पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के बाद अब अन्य पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव आने वाले हैं। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी धीरे-धीरे टूटती हुई नजर आ रही है। कांग्रेस पार्टी से जितिन प्रसाद का जाना और सचिन पायलट के बगावती तेवर यह बता रहे हैं कि पार्टी के भीतर कुछ ठीक नहीं चल रहा। वहीं दूसरी तरफ ऐसा ऐसा कहा जा रहा है कि पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजीत मुखर्जी भी कांग्रेस पार्टी को बाय-बाय कह सकते हैं। बीते हफ्ते ही उन्होंने तृणमूल कांग्रेस के कई नेताओं से मुलाकात की थी जिसके बाद उनके पार्टी छोड़ने की चर्चाएं तेज हो गई हैं।
मैंने इस बारे में किसी को कुछ भी नहीं बताया है! पूर्व सांसद अभिजीत मुखर्जी ने बीते शुक्रवार को ये ट्वीट किया था, जिसे बाद में उन्होंने डिलीट कर दिया। उसी दिन मुखर्जी ने समाचार एजेंसी पीटीआई से बातचीत में कहा था- “मैं कांग्रेस में ही रहूंगा… मेरे टीएमसी या किसी दूसरी पार्टी में शामिल होने की खबरें गलत है।”
हालांकि, सूत्रों के मुताबिक अभिजीत मुखर्जी ने बीते हफ्ते टीएमसी नेताओं से मुलाकात की थी। ऐसी अटकलें हैं कि टीएमसी अभिजीत मुखर्जी को जंगीपुर विधानसभा सीट की पेशकश करेगी। उनके पिता प्रणब मुखर्जी दो बार जंगीपुर संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस सांसद बने थे। 2012 में प्रणब मुखर्जी को राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ने के लिए ये सीट छोड़नी पड़ी थी।
अभिजीत मुखर्जी के टीएमसी ज्वॉइन करने की अटकलों को उस समय बल मिला, जब प्रणब मुखर्जी के पूर्व कांग्रेसी सहयोगी (जो अब तृणमूल में हैं) उनके यहां चाय पर आए थे। अभिजीत मुखर्जी ने कहा, ‘उनमें जंगीपुर से सांसद खलीलुर रहमान, मुर्शिदाबाद से सांसद अबू ताहिर खान और तृणमूल मंत्री अखरुज्जमां और सबीना यस्मीन शामिल थे। “