एक तरफ सारी दुनिया भारत की ओर आशा की निगाहों से देख रही है। क्योंकि भारत ने अपने देश में स्वदेशी वैक्सीन का निर्माण कर लिया है और 16 जनवरी से देश के अलग-अलग हिस्सों में टीकाकरण अभियान भी प्रारंभ कर दिया जाएगा। पूरे भारत को देश के वैज्ञानिकों पर और भारत की सरकार पर गर्व है, लेकिन हमारे देश की राजनीति अभी भी अपने स्वभाव से पीछे नहीं हट रही, लगातार कोरोना की वैक्सीन के वजूद पर सवाल उठाए जा रहे हैं। इस बार कांग्रेस पार्टी के नेता मनीष तिवारी ने कोरोना की वैक्सीन पर सवाल उठाए हैं।
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा है, “कोवैक्सिन को भारत सरकार की ओर से आपातकालीन ट्रायल के लिए लाइसेंस दे दिया गया है। अब सरकार यह कह रही है जिसे टीके लगेंगे उसके पास चयन करने का ऑप्शन नहीं होगा। जब कोवैक्सीन का तीसरे चरण का ट्रायल सफल नहीं हुआ है, तो यह इसकी प्रभाविता पर सवाल खड़ा करता है।”
पूर्व मंत्री का कहना है कि सरकार को ऐसा कार्य करना चाहिए जिसपर पूरा विश्वास हो! उन्होंने कहा, “किसी भी सरकार को कोवैक्सिन को तब तक रोल आउट नहीं करना चाहिए जब तक कि इसकी प्रभावकारिता और विश्वसनीयता पूरी तरह से स्थापित नहीं हो जाती और तीसरे के परीक्षण समाप्त हो जाते हैं। ऐसे तरीके से कार्य करना चाहिए जिससे लोगों में पूर्ण विश्वास हो। आप तीसरे चरण के परीक्षण के रूप में रोलआउट का उपयोग नहीं कर सकते हैं। भारतीय हैं, गिनी सूअर नहीं।”