महाराष्ट्र में गठबंधन वाली सरकार को 1 साल पूरा हो चुका है। भारत के इतिहास में लगातार देखा गया है कि गठबंधन वाली सरकार ज्यादा समय तक नहीं चल पाती है। अगर हम बिहार का ही उदाहरण लें तो कुछ समय पहले तक बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और वर्तमान में नीतीश कुमार के विरोधी तेजस्वी यादव की पार्टी के बीच गठबंधन था जो कुछ समय बाद टूट गया और उसके बाद भाजपा के साथ नीतीश कुमार का गठबंधन हुआ। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी तथा विधानसभा चुनावों के समय समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पार्टी का गठबंधन भी इस बात का गवाह है।
कुछ समय पहले महाराष्ट्र के सरकार में प्रमुख भूमिका निभाने वाले राष्ट्रवादी कांग्रेस के प्रमुख शरद पवार ने राहुल गांधी के नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठाए थे। जिसके बाद कांग्रेस पार्टी के कई नेताओं ने शरद पवार पर निशाना साधा था।
महाराष्ट्र में कांग्रेस पार्टी की नेता यशोमती ठाकुर ने कांग्रेस की ओर से शरद कुमार की पार्टी एनसीपी को चेतावनी भरे लहजे में कई प्रमुख बातें कहीं हैं। ठाकुर ने ट्वीट किया, “महाराष्ट्र कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष होने के नाते मुझे एमवीए में सहयोगियों से अपील करनी चाहिए कि अगर आप महाराष्ट्र में स्थिर सरकार चाहते हैं तो कांग्रेस पर टिप्पणी करना बंद कर दें। गठबंधन के बुनियादी नियमों का पालन करना चाहिए।”
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, “हमारा नेतृत्व बहुत मजबूत और स्थिर है। एमवीए का गठन लोकतांत्रिक मूल्यों में हमारी मजबूत धारणा का परिणाम है।”
Being a working president of MPCC I must appeal colleagues in MVA if you want stable govt in maharashtra then stop commenting leadership of Congress. Everybody should follow basic rules of coalition.
— Adv. Yashomati Thakur (@AdvYashomatiINC) December 5, 2020
हम आपको बता दें शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस और कांग्रेस पार्टी ने 28 नवंबर 2020 को अपनी गठबंधन सरकार का 1 साल पूरा किया है। 2019 के विधानसभा चुनाव में शिवसेना ने भारतीय जनता पार्टी के साथ चुनाव लड़ा और भारतीय जनता पार्टी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी,लेकिन मुख्यमंत्री पद को लेकर मतभेद सामने आने लगे। शिवसेना ने भाजपा का दामन छोड़कर कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस का दामन थाम लिया और प्रदेश में राष्ट्रवादी कांग्रेस शिवसेना और कांग्रेस की सरकार बन गई।