26 जनवरी 2021 को भारत की राजधानी में जो घटित हुआ वह भारत के इतिहास में सबसे काला दिन था। 26 जनवरी के दिन जिस तरह पूरी दिल्ली को युद्ध के मैदान की तरह बदल दिया गया और देश की आन लाल किले पर धर्म विशेष के झंडे को पहरा दिया गया यह लोकतंत्र के अपमान से कम नहीं था। एक तरफ पूरा देश चाहता है कि जिन लोगों ने इस घटना को अंजाम दिया उन लोगों पर सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए वहीं दूसरी तरफ भारत की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस इन आरोपियों को बचा कर अपना वोट बैंक तैयार करने में लगी है।मंगलवार को विवेक तन्खा की अगुवाई में कांग्रेस के कानून विभाग ने इस मामले में कानूनी मदद के लिए टीमों का गठन किया। कानूनी विभाग द्वारा पारित एक प्रस्ताव में कहा गया है,”पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के कानूनी विभाग के प्रतिनिधि किसानों और पत्रकारों को राहत और निवारण के संबंध में मदद करने के लिए पहले से ही ली गई कानूनी सेवाओं के बारे में अवगत कराने के लिए दिल्ली की सीमाओं पर किसान नेताओं से मिलेंगे।”
कांग्रेस के कानून विभाग के सदस्य 4 राज्यों की जेलों तथा स्थानों का मुआयना करेंगे और उन लोगों के बारे में पता करेंगे जो इस हिंसा के बाद से लापता है।दिल्ली पुलिस ने सोमवार को कहा कि किसानों के आंदोलन और विरोध के संबंध में किसी को भी अवैध तरीके से हिरासत में नहीं रखा गया है। पुलिस ने लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील भी की। दिल्ली पुलिस के पीआरओ ईश सिंघल ने कहा, ‘हमने किसान आंदोलन के संबंध में अब तक कुल 44 मामले दर्ज किए हैं और कुल 122 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।’ दिल्ली पुलिस के द्वारा यह बात कई बार कही गई है कि पुलिस ने किसी भी बेकसूर को गिरफ्तार नहीं किया है जो लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है उनके खिलाफ पुलिस के पास अहम सबूत है।