भारत में आए पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के शरणार्थियों को लेकर संसद में गृहमंत्री अमित शाह ने विधेयक पेश कर दिया है। जोरदार हंगामे के बीच लोकसभा में इस विधेयक को पेश करने के साथ ही केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि इन देशों में अल्पसंख्यक हिंदू, सिख, बौेद्ध, जैन, पारसी और इसाईयों को भारत में शरण देना और अधिकार देना भारत का कर्तव्य है। बता दें कि इस बिल के पक्ष में 293 वोट पड़े जबकि विपक्ष में 82 वोट पड़े। कार्यवाही के दौरान एएमआईएम के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने इस बिल की कॉपी फाड़ दी जिसके बाद उन्हें सदन से बाहर का रास्ता भी दिखा दिया गया। हालाँकि अमित शाह ने उनके इस बर्ताव का जवाब अपने तीखे तेवरों के साथ दिया।
Replying on Citizenship (Amendment) Bill 2019 in Lok Sabha. https://t.co/L2A9ZcbCny
— Amit Shah (@AmitShah) December 9, 2019
उन्होंने विपक्ष के इस आरोप को भी खारिज किया कि यह मुस्लिमों के खिलाफ है। उन्होंने चुनौती दी कि अगर विपक्ष यह साबित कर दे कि यह भारत के मुस्लिमों के खिलाफ है तो वह विधेयक वापस ले लेंगे। साथ ही पूर्वोत्तर को आश्वासन दिया कि अधिकतर पूर्वोत्तर राज्यों में यह लागू नहीं होगा।