आज केंद्रीय मंत्री अमित शाह महाराष्ट्र में एक मेडिकल कॉलेज के उद्घाटन के लिए पहुंचे थे, जहां उन्होंने शिवसेना पर निशाना साधते हुए बीजेपी के वादे पर गौर डालते हुए बिहार का एक किस्सा जनता के साथ साझा किया। दरअसल अमित शाह शिवसेना को यह बताना चाहते थे कि बीजेपी हमेशा अपने वादे पर खरे उतरते आई है और उसने हमेशा अपना वादा पूरा किया है। खबरों के अनुसार गृह मंत्री अमित शाह ने अपने संबोधन में बताया कि बिहार विधानसभा चुनाव जीतने के बाद जेडीयू पूर्व अध्यक्ष सीएम नीतीश कुमार दुबारा मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहते थे, क्योंकि उनकी पार्टी को बीजेपी से कम सीटें आई थी।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार केंद्रीय गृह मंत्री ने अपने बयान में कहा कि कम सीटें आने की वजह से सीएम नीतीश चाहते थे कि बीजेपी अपना कोई उम्मीदवार सीएम पद के लिए खड़ा कर दें और वह मुख्यमंत्री ना बने, क्योंकि उन्हें अच्छा नहीं लग रहा था कि उसके सहयोगी दल को ज्यादा सीटें आई है। फिर भी वह मुख्यमंत्री बने, लेकिन बीजेपी की जिद के आगे सीएम नीतीश को झुकना पड़ा और वह मुख्यमंत्री बनने के लिए मान गए। बीजेपी ने ऐसा यह सब इसलिए किया था, क्योंकि हमने जनता से वादा किया था कि बिहार में अगर जीत होती है और किसी पार्टी को भी ज्यादा सीटें क्यों ना आए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही बनेंगे।
केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने अपने संबोधन में आगे कहा कि बीजेपी हमेशा अपने वादे पर खरी उतरती है। उसने जो भी वादे किए थे। वह धीरे-धीरे पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है और बिहार में हुआ यह वाक्या एक छोटा सा उदाहरण है। वहीं गृह मंत्री अमित शाह ने शिवसेना पर तंज कसते हुए सीएम नीतीश की तारीफ करते हुए कहा कि बिहार सीएम निजी स्वार्थ में यकीन नहीं रखते हैं। वह जनता की सेवा करना जानते हैं, इसलिए बिहार की जनता ने एनडीए को भारी बहुमत से चुनाव जीताया था।